etrendingindia.com राजिम कुंभ, छत्तीसगढ़: आस्था और विश्वास का प्रतीक मकर संक्रांति पर्व इस बार छत्तीसगढ़ के प्रयाग राजिम में धूमधाम से मनाया गया। यहां के त्रिवेणी संगम पर भक्तों की भारी भीड़ जुटी। ठंड के बावजूद सुबह के शुरुआती घंटों में श्रद्धालु राजिम कुंभ पहुंचे और संगम में स्नान-दान कर पुण्य अर्जित किया।
इसके बाद, स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने बालू से शिवलिंग बनाया। फिर, उन्होंने भगवान शिव की पूजा-अर्चना की और दीप जलाए। इसके बाद, वे राजीव लोचन और कुलेश्वर महादेव मंदिर में भी पूजा करने गए।
19 वर्षों बाद भौम पुष्प का संयोग
इस मकर संक्रांति पर एक दुर्लभ संयोग बन रहा है। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ-साथ पुनर्वसु और पुष्य नक्षत्रों का संगम हो रहा है। यह संयोग 19 वर्षों बाद हो रहा है, जो विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
राजिम का धार्मिक महत्व
राजिम, जो रायपुर से 45 किलोमीटर दूर स्थित है, तीन नदियों का संगम स्थल है। यहां कुलेश्वर महादेव मंदिर भी है। मान्यता है कि माता सीता ने यहां शिवलिंग स्थापित किया था, और यही कारण है कि इस स्थान का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है।