ETrendingIndia छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में 19 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया, जिनमें से 9 पर कुल ₹28 लाख का इनाम घोषित था। 17 मार्च 2025 को हुए इस आत्मसमर्पण के दौरान, नक्सलियों ने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि वे “खोखली” और “अमानवीय” नक्सली विचारधारा से असंतुष्ट हो गए थे। इसके अलावा, वरिष्ठ नक्सली नेताओं द्वारा निर्दोष आदिवासियों के शोषण और संगठन में बढ़ते आंतरिक मतभेदों ने भी उन्हें यह कदम उठाने के लिए प्रेरित किया। इस आत्मसमर्पण की जानकारी बीजापुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार यादव ने दी।
उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वालों में कई शीर्ष नक्सली शामिल हैं। इनमें देवा पदम (30) और उसकी पत्नी दुली कलमु (28) शामिल हैं, जो माओवादियों की बटालियन नंबर 1 में सक्रिय थे और जिन पर ₹8 लाख का इनाम था। इसके अलावा, क्षेत्रीय समिति के सदस्य सुरेश कट्टम (21) पर ₹5 लाख का इनाम था, जबकि अन्य नक्सलियों पर ₹1 लाख से ₹2 लाख तक का इनाम घोषित था।
इस आत्मसमर्पण में जिला रिजर्व गार्ड (DRG), बस्तर फाइटर्स, स्पेशल टास्क फोर्स (STF), सीआरपीएफ और इसकी विशेष कोबरा (CoBRA) यूनिट की अहम भूमिका रही। सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत ₹25,000 की आर्थिक सहायता दी गई है। बीजापुर जिले में इस साल अब तक 84 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जबकि पिछले साल बस्तर क्षेत्र में कुल 792 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने का निर्णय लिया था।