71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार
71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार

रायपुर 23 सितंबर 2025 / ETrendingIndia / President of India presents 71st National Film Awards, Dadasaheb Phalke Award to Mr. Mohanlal, Best Actor Award to Shah Rukh Khan for the film ‘Jawaan’ /71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार , देश की राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में आज 71वीं नेशनल फिल्म पुरूस्कार समारोह का आयोजन किया गया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अलग-अलग वर्गों में विनर्स को नेशनल अवॉर्ड देकर सम्मानित किया.

71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार , बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान को 33 सालों के करियर में पहली बार नेशनल अवॉर्ड मिला. अभिनेत्री रानी मुखर्जी को भी पहली बार नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया. मोहनलाल को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

शाहरुख खान को फिल्म ‘जवान’ के लिए बेस्ट एक्टर का पहला नेशनल अवॉर्ड दिया गया.

रानी मुखर्जी को फिल्म ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ के लिए बेस्ट एक्ट्रेस के अवॉर्ड से सम्मानित की गईं.

विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म ’12वीं फेल’ (हिंदी) को बेस्च फीचर फिल्म का पुरस्कार मिला.

’12वीं फेल’ के लिए विक्रांत मैसी को बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड दिया गया.

करण जौहर की फिल्म ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ ने बेस्ट पॉपुलर फिल्म का अवॉर्ड हासिल किया.

‘द केरला स्टोरी’ के लिए सुदिप्तो सेन को बेस्ट डायरेक्टर के पुरस्कार से नवाजा गया.

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मोहनलाल जी ने सहजता से कोमल से कोमल और कठोर से कठोर भावनाओं को चित्रित किया है और एक संपूर्ण अभिनेता की छवि बनाई है।

उन्होंने घर, परिवार और सामाजिक व्यवस्था की जटिलताओं के बीच महिलाओं की दुर्दशा और पितृसत्ता की असमानताओं के खिलाफ आवाज़ उठाने वाली साहसी महिलाओं की कहानियाँ पर बनने वाली संवेदनशील फिल्म निर्माताओं की सराहना की।

राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा फिल्म उद्योग अपनी सबसे प्रभावशाली और लोकप्रिय कला के माध्यम से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और सबसे विविध समाज का प्रतिनिधित्व करता है।

उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि सिनेमा से जुड़े हर व्यक्ति में एक भारतीय चेतना, एक भारतीय संवेदनशीलता है जो सभी स्थानीय संदर्भों को जोड़ती है।

जिस प्रकार भारतीय साहित्य अनेक भाषाओं में रचा जाता है, उसी प्रकार भारतीय सिनेमा भी अनेक भाषाओं, बोलियों, क्षेत्रों और स्थानीय परिवेशों में विकसित हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी फ़िल्में स्थानीय और राष्ट्रीय दोनों हैं।

राष्ट्रपति ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सिनेमा केवल एक उद्योग नहीं है; यह समाज और राष्ट्र में जागरूकता बढ़ाने और नागरिकों को अधिक संवेदनशील बनाने का एक सशक्त माध्यम भी है।

उन्होंने कहा कि किसी फिल्म के लिए लोकप्रियता अच्छी बात हो सकती है, लेकिन जनहित में, खासकर युवा पीढ़ी के लिए, उसका होना और भी बेहतर है।

उन्होंने फिल्म उद्योग से जुड़े सभी लोगों से आग्रह किया कि वे यह सुनिश्चित करने का प्रयास करें कि भारतीय फिल्मों को अधिक स्वीकृति मिले, उनकी लोकप्रियता बढ़े और उन्हें वैश्विक स्तर पर पहचान मिले।