prime minister Imran Khan
WASHINGTON - JANUARY 24: Imran Khan, Chairman of Pakistan Tehreek-e-Insaf, aka Movement for Justice, listens during a briefing to the media at the National Press Club January 24, 2008 in Washington, DC. The briefing was focused on the current state of Pakistan. (Photo by Alex Wong/Getty Images)
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रायपुर / ETrendingIndia / इमरान खान की सुरक्षा चिंता पर परिवार की अपील

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सुरक्षा चिंता गहराती जा रही है। इसके अलावा, उनके बेटों ने कहा कि तीन हफ्तों से उनकी कोई विश्वसनीय जानकारी नहीं मिली है। इसलिए परिवार का डर और बढ़ गया है।


बेटों ने कहा– “कुछ गंभीर बात छुपाई जा रही है”

इमरान खान के बेटे कासिम खान ने बताया कि परिवार को अब तक कोई सत्यापित जानकारी नहीं मिली। उन्होंने कहा कि यह स्थिति मानसिक तनाव बढ़ा रही है।
इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया कि इमरान खान की सुरक्षा चिंता इसलिए बढ़ी क्योंकि मुलाकातें लगातार रोकी जा रही हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि पिता की हालत को लेकर “कुछ अपरिवर्तनीय” छुपाया जा रहा है, जिससे परिवार बेहद व्याकुल है।


डॉक्टर की पहुंच रोके जाने से बढ़ी चिंता

कासिम खान के अनुसार, खान के निजी चिकित्सक को भी एक साल से जेल में जांच की अनुमति नहीं मिली है। इसलिए परिवार को उनकी सेहत को लेकर और डर है।
हालांकि, एक जेल अधिकारी ने दावा किया कि खान स्वस्थ हैं, लेकिन इस बयान की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुई।

परिणामस्वरूप, परिवार को आशंका है कि इमरान खान की सुरक्षा चिंता जानबूझकर अनदेखी की जा रही है।


राजनीतिक मामलों और सज़ाओं ने बढ़ाया विवाद

इमरान खान अगस्त 2023 से जेल में बंद हैं। उन पर कई केसों में सज़ाएं सुनाई जा चुकी हैं। इनमें तोशाखाना मामला, गोपनीय दस्तावेज़ लीक और अल-क़ादिर ट्रस्ट से जुड़े आरोप शामिल हैं।
लेकिन, खान और उनकी पार्टी PTI का दावा है कि ये मुकदमे राजनीतिक बदले की कार्रवाई हैं।

इसके बाद, टीवी चैनलों पर उनके नाम और तस्वीर पर भी रोक जैसी स्थिति है, जिससे उनके बेटे इसे “जानबूझकर अलग-थलग रखना” बताते हैं।


परिवार ने मानवाधिकार संगठनों से मदद मांगी

कासिम और सुलेमान, जो लंदन में रहते हैं, कहते हैं कि उनकी इमरान खान की सुरक्षा चिंता अब मानवाधिकार मुद्दा बन गई है।
उन्होंने कहा कि हफ्तों की खामोशी और “कोई प्रमाणित जीवन-सूचना” न मिलने से परिवार का डर गहराता जा रहा है।

अंत में, उन्होंने कहा कि हर स्तर पर दबाव बनाया जाना चाहिए ताकि न्यायिक आदेश के अनुसार मुलाकातें फिर शुरू हों।