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रायपुर / ETrendingIndia / भारत–रूस साझेदारी को नई मजबूती

भारत और रूस ने अपनी दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर जोर दिया। दोनों देशों ने सैन्य, बहुपक्षीय और आतंकवाद-विरोधी सहयोग को आगे बढ़ाने का संकल्प दोहराया। इसी कारण भारत रूस सैन्य सहयोग अब एक नए चरण में प्रवेश कर रहा है। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर व्यापक चर्चा की।

सैन्य और रक्षा तकनीक में गहरा सहयोग

सैन्य और सैन्य-तकनीकी सहयोग दोनों देशों की साझेदारी की मुख्य धुरी है। नेताओं ने IRIGC-M&MTC की 22वीं बैठक के परिणामों का स्वागत किया। इसके अलावा दोनों देशों ने संयुक्त अनुसंधान, को-विकास और को-प्रोडक्शन पर जोर दिया। भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में यह बड़ा कदम माना जा रहा है। उन्होंने मेक-इन-इंडिया के तहत रूसी मूल के उपकरणों के पुर्जों और तकनीक के संयुक्त उत्पादन पर सहमति जताई।

संयुक्त सैन्य अभ्यास और रक्षा संपर्कों को बढ़ावा

दोनों नेताओं ने नियमित सैन्य संपर्कों पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने जून 2025 में क़िंगदाओ में हुई रक्षा मंत्रियों की बैठक का उल्लेख किया। साथ ही, INDRA संयुक्त सैन्य अभ्यास को और विस्तारित करने पर भी सहमति बनी। इसलिए भारत रूस सैन्य सहयोग निकट भविष्य में और अधिक सशक्त होगा।

संयुक्त राष्ट्र और बहुपक्षीय मंचों पर तालमेल

भारत और रूस ने संयुक्त राष्ट्र, G20, BRICS और SCO में सहयोग को गहरा करने पर जोर दिया। रूस ने UNSC में भारत की स्थायी सदस्यता के प्रति अपना समर्थन दोहराया। दोनों देशों ने वैश्विक दक्षिण की प्राथमिकताओं, जलवायु वित्त, अंतरराष्ट्रीय कानून और बहुपक्षीय सुधारों पर भी चर्चा की। उन्होंने अंतरिक्ष, जैविक हथियार निषेध और गैर-प्रसार संधियों को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

आतंकवाद के खिलाफ साझा प्रतिबद्धता

दोनों देशों ने आतंकवाद, उग्रवाद और संगठित अपराध के खिलाफ शून्य सहनशीलता की नीति दोहराई। उन्होंने अल-कायदा, ISIS/दाएश जैसे संगठनों पर कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता बताई। साथ ही, UN प्रस्तावों के प्रभावी कार्यान्वयन और वैश्विक आतंकवाद सम्मेलन को जल्द अंतिम रूप देने की मांग की। उन्होंने कश्मीर और मॉस्को में हुए आतंकी हमलों की भी निंदा की।

क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर समन्वय

भारत और रूस ने अफगानिस्तान, पश्चिम एशिया और गाज़ा में शांति और स्थिरता के प्रयासों पर चर्चा की। दोनों देशों ने जलवायु परिवर्तन और पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए संयुक्त काम तेज करने पर सहमति जताई। BRICS की पर्यावरण और जलवायु पहलों की भी सराहना की गई।

रणनीतिक साझेदारी का भविष्य

बैठक के अंत में दोनों देशों ने अपनी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की मजबूती पर संतोष व्यक्त किया। राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को 2026 में रूस में 24वें वार्षिक सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया। कुल मिलाकर, भारत रूस सैन्य सहयोग और राजनीतिक-सुरक्षा साझेदारी आने वाले वर्षों में और अधिक मजबूत होने की उम्मीद है।