ETrendingIndia रायपुर / कैलाश मानसरोवर यात्रा इस वर्ष यात्रियों के लिए पहले से अधिक खर्चीली होने जा रही है। इसका मुख्य कारण है कैलाश मानसरोवर यात्रा शुल्क वृद्धि, जिसमें चीन ने प्रति यात्री 17 से 20 हजार रुपए तक की बढ़ोतरी कर दी है। यह यात्रा 30 जून से शुरू होगी और इसमें यात्रा की अवधि और प्रक्रिया में भी बदलाव किए गए हैं।
यात्रा दो मार्गों से होती है — उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे और सिक्किम के नाथूला पास से। लिपुलेख मार्ग से यात्रा पर अब प्रति व्यक्ति लगभग 1.84 लाख रुपये खर्च होंगे, जिनमें से 95 हजार रुपए सिर्फ चीन की फीस होगी। वहीं, नाथूला मार्ग से यात्रा पर लगभग 2.84 लाख रुपए का खर्च आएगा, जिसमें चीन 2.05 लाख रुपए तक शुल्क ले रहा है। यह स्पष्ट रूप से कैलाश मानसरोवर यात्रा शुल्क वृद्धि का प्रमाण है।
इसके अलावा, यात्रा की अवधि में भी बढ़ोतरी हुई है। पहले लिपुलेख मार्ग से यात्रा 20-21 दिन में पूरी होती थी, लेकिन अब इसमें 23 दिन लगेंगे। कारण यह है कि दिल्ली में यात्रियों को दस्तावेज़ और स्वास्थ्य जांच के लिए तीन दिन अतिरिक्त रुकना होगा। वहीं, नाथूला मार्ग से यात्रा अब 25 दिन की हो गई है, जिसमें 10 दिन तिब्बत और 15 दिन भारत में बिताए जाएंगे।
चीन ने नए दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं, जिनके तहत यात्री अब मानसरोवर झील में पूजन सामग्री नहीं डाल सकेंगे। यात्रियों को दिल्ली में ही कचरा प्रबंधन की ट्रेनिंग दी जाएगी। इन तमाम कारणों से कैलाश मानसरोवर यात्रा शुल्क वृद्धि और यात्रा की जटिलता अब पहले से कहीं अधिक हो गई है।