मुख गले का कैंसर
मुख गले का कैंसर

रायपुर/ ETrendingIndia /मुख गले का कैंसर देश के छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, ओडिशा, बिहार, उत्तरप्रदेश, झारखंड, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश आदि के व्यापक ग्रामीण क्षेत्रों में तंबाकू का उपयोग गुटखा, खैनी, बीड़ी और जर्दा के रूप में होता है। इनकी कम लागत, सामाजिक स्वीकार्यता और कम जानकारी के कारण यह जानलेवा लत बन गई है।

तंबाकू के विरुद्ध लड़ाई केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामाजिक और नीति-स्तर पर भी होनी चाहिए। जीवन चुनें, तंबाकू नहीं ” – यही तंबाकू निषेध दिवस का सच्चा संदेश है।

अनुसंधानों से यह सिद्ध हुआ है कि ग्रामीण पुरुषों में मुख और गले के कैंसर के मामले शहरी क्षेत्रों की तुलना में कहीं अधिक हैं। इस स्थिति को रोकने हर वर्ष 31 मई को “ विश्व तंबाकू निषेध दिवस” (World No Tobacco Day) मनाया जाता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, तंबाकू के उपयोग से हर वर्ष विश्वभर में लगभग 80 लाख लोगों की मृत्यु होती है, जिनमें से करीब 12 लाख मौतें पैसिव स्मोकिंग (दूसरों के धुएं के संपर्क में आने) के कारण होती हैं।

तंबाकू का वैज्ञानिक विश्लेषण:

तंबाकू में निकोटीन, टार, कार्बन मोनोऑक्साइड, फॉर्मलडिहाइड, बेंजीन, नाइट्रोसामीन जैसे 70 से अधिक कैंसरजन्य (Carcinogenic) रसायन पाए जाते हैं।

इसमें से निकोटीन मस्तिष्क की तंत्रिका प्रणाली को प्रभावित करता है और व्यक्ति को इसकी लत लग जाती है।

तंबाखू का टार (Tar) फेफड़ों में जमकर उन्हें कार्य करने से रोकता है, जिससे क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) और फेफड़ों का कैंसर होता है।

नाइट्रोसामीन और बेंजीन जैसे तंबाखू के तत्व व्यक्ति के डीएनए को नुकसान पहुंचाते हैं और म्युटेशन उत्पन्न कर कैंसर को जन्म देते हैं।

कैंसर और अन्य रोग:

तंबाकू सेवन से मुख, गले, फेफड़ों, ग्रासनली, अग्न्याशय (पैंक्रियाज), मूत्राशय और गर्भाशय ग्रीवा (यूरिन सर्विक्स)के कैंसर का खतरा अत्यधिक बढ़ जाता है। इसके अलावा यह हृदय रोग, उच्च रक्तचाप ( बी पी), स्ट्रोक, डायबिटीज, दमा और यौन दुर्बलता जैसे रोगों से भी जुड़ा हुआ है।

गर्भवती महिलाओं में तंबाकू सेवन से गर्भपात, समय से पहले जन्म और शिशु मृत्यु की संभावना बढ़ जाती है।

समाधान और प्रयास:

यह जरूरी है कि शहरों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में नशामुक्ति केंद्र स्थापित कर, व्यवहारिक चिकित्सा और निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी (NRT) उपलब्ध कराई जाए।

तंबाकू उत्पादों पर कर बढ़ाना, चेतावनी लेबल लगाना और विज्ञापनों पर सख्त रोक आवश्यक है।