रायपुर/ ETrendingIndia / उत्तराखंड की खेती , देहरादून के कौलागढ़ स्थित हिमालयन कल्चरल सेंटर में आयोजित ‘ विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने उत्तराखंड के किसानों से संवाद किया।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की खेती के पारंपरिक अनाज ‘मंडुवा’ और अन्य मोटे अनाजों की गुणवत्ता एवं स्वास्थ्यवर्धक गुणों के चलते अब इनकी देश-विदेश में मांग बढ़ रही है। उन्होंने मंडुवा व अन्य पारंपरिक अनाजों की ब्रांडिंग, मार्केटिंग और उत्तम किस्म के बीजों के विकास पर ज़ोर दिया।
श्री चौहान ने बताया कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में उत्पादित फल एवं सब्जियाँ बेहद गुणवत्तापूर्ण हैं और सेब जैसे फल अब कश्मीर को भी टक्कर दे रहे हैं।
कृषि मंत्री ने स्थानीय फल ‘काफल’ की औषधीय महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि इसकी वैश्विक मांग तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को फलों का वैश्विक हब बनाने की दिशा में केंद्र सरकार गंभीर प्रयास करेगी।
कार्यक्रम में श्री चौहान ने कहा कि “वैज्ञानिकों की असली प्रयोगशाला खेत है और किसान से बड़ा वैज्ञानिक कोई नहीं।” उन्होंने बताया कि 16,000 वैज्ञानिकों की टीमों के साथ देशभर में ‘लैब टू लैंड’ मिशन चलाया जा रहा है, जिसमें 2,170 टीमें देशभर में और 75 टीमें उत्तराखंड में गांव-गांव जाकर किसानों से संवाद कर रही हैं। इस दोतरफा संवाद के जरिए शोध को व्यावहारिक दिशा मिल रही है।
उत्तराखंड के किसानों की प्रमुख समस्या जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा को लेकर भी श्री चौहान ने आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत खेतों की तारबाड़ व्यवस्था को प्राथमिकता दी जाएगी।
श्री चौहान ने किसानों को आश्वस्त किया कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर उत्तराखंड की कृषि के लिए ठोस रोडमैप तैयार करेंगी।