रायपुर / ETrendingIndia / वैश्विक वैज्ञानिकों की एक टीम ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से कैंसर के व्यक्तिगत और गोपनीय उपचार की दिशा में एक बड़ी सफलता पाई है।
इस नई एआई तकनीक से दुनियाभर के कैंसर नमूनों का सुरक्षित विश्लेषण संभव हो सका है।
इसके माध्यम से चिकित्सक अब मरीजों के लिए अधिक सटीक और व्यक्तिगत उपचार योजना तैयार कर सकेंगे।
इस अध्ययन में छह देशों की 30 शोध संस्थाओं ने भाग लिया। कुल 7,525 कैंसर नमूनों के प्रोटीन प्रोफाइल का विश्लेषण किया गया।
यह अनुसंधान ऑस्ट्रेलिया के चिल्ड्रन मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (CMRI) के नेतृत्व में किया गया।
लेकिन, गोपनीयता कानूनों और तकनीकी भिन्नताओं के कारण इतने बड़े पैमाने पर डेटा साझा करना आसान नहीं था।
इसलिए, शोधकर्ताओं ने “फेडरेटेड डीप लर्निंग” तकनीक का प्रयोग किया।
इसके तहत एआई मॉडल को प्रत्येक संस्था में स्थानीय रूप से प्रशिक्षित किया गया, जिससे केवल आवश्यक परिणाम साझा किए गए और संवेदनशील जानकारी साझा नहीं की गई।
इसके परिणामस्वरूप एक सटीक वैश्विक डायग्नोस्टिक टूल तैयार किया गया।
यह टूल कैंसर के मरीजों को बेहतर और निजीकृत उपचार देने में मदद करेगा।
अंततः, यह पहल कैंसर उपचार में एआई तकनीक के उपयोग की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
इस प्रकार, यह तकनीक दुनिया भर में कैंसर मरीजों के लिए जीवनरक्षक साबित हो सकती है।