रायपुर / ETrendingIndia / कांकेर मत्स्य बीज हब , छत्तीसगढ़ का कांकेर जिला अब मत्स्य बीज उत्पादन और निर्यात का केंद्र बन चुका है।
खासकर पखांजूर क्षेत्र में नीली क्रांति और प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत उन्नत हैचरियों के निर्माण ने
जिले को आत्मनिर्भर बनाया है।
कांकेर मत्स्य बीज हब , अब यह क्षेत्र पश्चिम बंगाल और आंध्रप्रदेश पर निर्भर नहीं, बल्कि खुद मत्स्य बीज का निर्यातक बन गया है।
वर्तमान में कांकेर में 34 सक्रिय हैचरियां हैं, जिनसे 2025-26 में 337 करोड़ स्पॉन और 128.35 करोड़ स्टैंडर्ड
फ्राय उत्पादन का लक्ष्य तय किया गया है।
अब तक 192 करोड़ स्पॉन और 7.42 करोड़ फ्राय का उत्पादन हो चुका है।
पखांजूर के मत्स्य कृषक प्रतिदिन 10-15 पिकअप वाहनों के माध्यम से आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड, बिहार,
यूपी जैसे राज्यों को उच्च गुणवत्ता वाला सस्ता बीज भेज रहे हैं।
इसकी खासियत यह है कि यह अप्रैल-मई जैसे प्रारंभिक महीनों में ही उपलब्ध हो जाता है।
इस क्षेत्र में मत्स्य बीज उत्पादन से करीब 550 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है।
कांकेर की यह हैचरी क्रांति छत्तीसगढ़ को मत्स्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ देशभर में पहचान दिला रही है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसे राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि बताया है।