रायपुर / ETrendingIndia / Kailash-Mansarovar Yatra begins from June 30 : Excitement among devotees /
कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 , पवित्र कैलाश–मानसरोवर यात्रा फिर से प्रारंभ हो गई है । यह यात्रा, कोविड‑19 महामारी और क्षेत्रीय तनावों के कारण पांच वर्षों से स्थगित थी ।

भारत सरकार के विदेश मंत्रालय एवं चाइना के अधिकारियों के सहयोग से इस यात्रा को दो प्रमुख मार्गों, उत्तराखंड के लिपुलेख पास (दर्रा) एवं सिक्किम के नाथूला पास के माध्यम से संचालित किया जा रहा है ।

कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 , यात्रा के पहले जत्थे का विधिवत रूप से दिल्ली से 250 श्रद्धालुओं के साथ रवाना होगा जिसमें पाँच समूह (प्रत्येक में 50 श्रद्धालु) शामिल हैं। नरेंद्र मोदी सरकार के तहत बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है ।

उत्तराखंड के लिपुलेख मार्ग पर यह यात्रा लगभग 23 दिनों की होगी, जबकि सिक्किम के नाथूला मार्ग का समय 25 दिन है ।

सरकार ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य की दृष्टि से उन्हें दिल्ली में तीन दिनों के लिए स्वास्थ्य परीक्षण एवं औपचारिकताएँ पूरी करने का निर्देश दिया है ।

पिथौरागढ़ ज़िला प्रशासन, इंडो‑तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP), बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (BRO) तथा KMVN ने अंतिम तैयारियाँ पूरी कर लीं है, जिसमें मेडिकल सुविधा, सड़क सुरक्षा व्यवस्था, और संचार नेटवर्क सुनिश्चित करना शामिल था ।

इस वर्ष करीब 750 भारतीय तीर्थयात्री चयनित हुए हैं जिसमें 5 जत्थे लिपुलेख मार्ग और 10 जत्थे नाथूला मार्ग यात्रा‑दल के लिए चयन किए गए हैं।

यह चयन पिछले मई माह में कम्प्यूटरीकृत ड्रॉ प्रणाली द्वारा किया गया । नामित श्रद्धालुओं को SMS तथा ईमेल द्वारा सूचित किया गया, साथ ही आधिकारिक वेबसाइट और हेल्पलाइन 011‑23088133 पर जानकारी उपलब्ध कराई गई ।

इस यात्रा से न केवल भारत-तिब्बत के सांस्कृतिक रिश्तों में पुनः संवाद होगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी ।

लिपुलेख मार्ग की कठिन श्रम साध्य मार्ग तथा नाथूला मार्ग की अपेक्षाकृत सरल सड़क व्यवस्था, दोनों के मध्यम से श्रद्धालु सुरक्षित एवं सुविधाजनक रूप से महादेव शिव के इस दिव्य धाम तथा पवित्र सरोवर की परिक्रमा करेंगे।

शिवभक्तों ने इस ऐतिहासिक दिवस का बेसब्री से इंतजार किया और विषम परिस्थितियों के बावजूद यात्रा प्रारंभ होने से उनकी आँखों में श्रद्धा एवं खुशी का चमक है।