जल गंगा संवर्धन अभियान
जल गंगा संवर्धन अभियान

रायपुर / ETrendingIndia / Jal Ganga Samvardhan Abhiyan became a mass movement in Madhya Pradesh, more than two thousand stepwells got a new lease of life / जल गंगा संवर्धन अभियान , मध्यप्रदेश में जल संरक्षण को लेकर शुरू हुआ जल गंगा संवर्धन अभियान अब एक जनआंदोलन का रूप ले चुका है।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मिशन लाइफ मंत्र और कैच द रेन अभियान से प्रेरित इस अभियान की शुरुआत 30 मार्च को उज्जैन के शिप्रा तट से हुई थी।

90 दिनों तक चले इस अभियान के अंतर्गत पूरे प्रदेश में जल संरचनाओं का निर्माण, नदियों का संरक्षण, वर्षा जल संचयन तथा पारंपरिक जल स्रोतों का पुनर्जीवन किया गया। प्रदेश में जल प्रबंधन के लिए तीन सिद्धांत री-यूज, रीड्यूज और री-साइकल पर आधारित रणनीति बनाकर काम किया जा रहा है।

खंडवा जिले ने 1.29 लाख संरचनाओं के निर्माण के साथ राज्य में पहला स्थान प्राप्त किया।

बावड़ियों, नदियों और खेत तालाबों से लौट रही है जल परंपरा। प्रदेश में दो हजार से अधिक बावड़ियों को पुनर्जीवित कर बावड़ी उत्सव मनाया गया।

200 वर्ष पुरानी होलकर कालीन बावड़ी के जीर्णोद्धार से ऐतिहासिक धरोहर को नया स्वरूप मिला। राजाभोज ने बसाये भोपाल की ऐतिहासिक धरोहर बड़े बाग की बावड़ी को सहेजने और पुनर्जीवित करने का कार्य किया गया।

नर्मदा, शिप्रा, ताप्ती सहित 145 नदियों के उद्गम स्थल पर पौधरोपण और सफाई की पहल से नदियों को हरियाली का आवरण दिया गया।

पहली बार सिपरी सॉफ्टवेयर, एआई और डैशबोर्ड डेटा के माध्यम से खेत, तालाबों और अमृत सरोवरों का निर्माण सुनिश्चित किया गया।

अभियान में 2.30 लाख जल दूत बने, 812 पानी चौपालों में किसानों ने जल प्रबंधन पर चर्चा की। अभियान में 83 हजार से अधिक बनने वाले खेत- तालाबों से प्रदेश के अन्नदाता में नई उम्मीद जागी है।

राज्य में पहली बार री-यूज वाटर पोर्टल की स्थापना की जा रही है।

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सभी प्रदेशवासियों से जल संरक्षण को जीवन का मंत्र बनाकर, हर बूंद को बचाने का आह्वान किया है।