रायपुर / ETrendingIndia / जीएसटी आठ साल की उपलब्धि , भारत में जीएसटी आठ साल की उपलब्धि के साथ 1 जुलाई को एक महत्वपूर्ण पड़ाव पार कर रहा है। 2017 में शुरू की गई यह प्रणाली देश की आर्थिक एकीकरण यात्रा का अहम हिस्सा बन चुकी है।


जीएसटी को पुराने जटिल अप्रत्यक्ष करों की जगह लाने के लिए लाया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे “नए भारत के लिए ऐतिहासिक कानून” बताया था। इसके कारण व्यवसायों में दक्षता बढ़ी और कर संग्रह में मजबूती आई।


वित्त वर्ष 2024–25 में जीएसटी संग्रह ₹22.08 लाख करोड़ तक पहुंच गया। यह 2020–21 के ₹11.37 लाख करोड़ से दोगुना है। तब औसत मासिक संग्रह ₹95,000 करोड़ था, जबकि अब यह बढ़कर ₹1.84 लाख करोड़ हो चुका है।


डेलॉयट की एक रिपोर्ट ‘GST@8’ में बताया गया कि बीते वर्ष कर प्रदर्शन के लिए सबसे मजबूत रहा। रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी सुधार, करदाताओं के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश और तकनीकी उन्नयन ने इसमें अहम भूमिका निभाई।

जीएसटी के अंतर्गत चार मुख्य दरें—5%, 12%, 18% और 28% हैं। इसके अलावा, कुछ वस्तुओं जैसे सोना, हीरे व तंबाकू पर विशेष दरें लागू हैं। साथ ही, केंद्र और राज्य के बीच राजस्व का वितरण केंद्र और राज्य जीएसटी (CGST/SGST) के माध्यम से सुनिश्चित किया गया है।

पंजीकरण भी तेजी से बढ़ा है—30 अप्रैल 2025 तक 1.51 करोड़ से अधिक सक्रिय जीएसटी रजिस्ट्रेशन दर्ज हुए। इससे यह स्पष्ट है कि कर आधार बढ़ा है और अर्थव्यवस्था अधिक औपचारिक हुई है। डिजिटल पोर्टल से अनुपालन भी सरल हुआ है।