रायपुर / ETrendingIndia / नए आपराधिक कानून भारत , भारत के नए आपराधिक कानूनों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ये सुधार देश की न्याय प्रणाली में विश्वास के स्वर्णिम वर्ष की शुरुआत करते हैं। वे दिल्ली में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में बोल रहे थे।

कार्यक्रम में दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, गृह सचिव गोविंद मोहन और खुफिया ब्यूरो के निदेशक भी उपस्थित थे। इस अवसर पर नए आपराधिक कानूनों पर एक प्रदर्शनी का उद्घाटन भी हुआ।

नए आपराधिक कानून भारत , अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनाए गए तीन नए कानून—भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) 2023—जन-केन्द्रित न्याय सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं।

इसके पहले, ब्रिटिश संसद द्वारा बनाए गए कानूनों के तहत देश चलता था। लेकिन अब भारत ने अपनी जरूरतों और संवेदनाओं के अनुसार स्वदेशी कानूनों की नींव रखी है

उन्होंने बताया कि जांच, आरोप पत्र, आरोप निर्धारण और न्याय वितरण के लिए सख्त समयसीमाएं निर्धारित की गई हैं, जिससे पीड़ितों को वर्षों तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

नए कानूनों में तकनीक आधारित व्यवस्था को शामिल किया गया है। अब सात साल या अधिक सजा वाले मामलों में फॉरेंसिक जांच अनिवार्य होगी। NAFIS और DNA मिलान प्रणाली जैसे उपकरण जांच को मजबूत बनाएंगे।

गृह मंत्रालय ने बताया कि पिछले एक वर्ष में 15 लाख पुलिसकर्मियों, 19 हजार न्यायाधीशों, 42 हजार जेलकर्मियों और 11 हजार अभियोजकों को प्रशिक्षित किया गया है। दिल्ली को इन कानूनों को तेजी से लागू करने वाला सर्वश्रेष्ठ राज्य घोषित किया गया।

पहली बार महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध पर अलग अध्याय शामिल किया गया है। साथ ही, आतंकवाद और संगठित अपराध की भी स्पष्ट परिभाषा दी गई है। डायरेक्टर ऑफ प्रॉसिक्यूशन का नया पद सृजित किया गया है, जिससे सजा दर बढ़ाने में मदद मिलेगी।

अमित शाह ने यह भी कहा कि न्याय प्रणाली में यह बदलाव केवल सरकार या पुलिस की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि जन जागरूकता और नागरिक सहभागिता भी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने इसे स्वतंत्रता के बाद सबसे बड़ा सुधार बताते हुए “न्याय यात्रा” का स्वर्णिम अवसर कहा।