रायपुर / ETrendingIndia / एयर इंडिया क्रैश जांच 2025 , एयर इंडिया हादसे के बाद सुरक्षा जांच में तेजी
भारत सरकार ने एयर इंडिया विमान हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद कई बोइंग मॉडलों के फ्यूल स्विच लॉक की जांच का आदेश दिया है।
हादसे में 260 लोगों की मौत हुई थी, जिसके बाद फ्यूल कटऑफ स्विचों की भूमिका पर सवाल उठे।
प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया गया कि टेकऑफ के तुरंत बाद दोनों स्विच अचानक रन से कटऑफ पोजीशन में चले गए थे।
एक पायलट ने दूसरे से पूछा, “तुमने फ्यूल क्यों काटा?” और जवाब में उसने कहा, “मैंने नहीं किया।”
वैश्विक स्तर पर सुरक्षा कदम
दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसी कई देशों की एयरलाइनों ने बोइंग विमानों पर एहतियाती जांच शुरू की है।
हालांकि, बोइंग और अमेरिकी FAA ने हाल में यह कहा था कि फ्यूल स्विच लॉक सुरक्षित हैं।
फिर भी, भारत के DGCA ने बोइंग 787 और 737 मॉडल्स पर स्विच लॉक की जांच का आदेश दिया है।
यह कदम तब उठाया गया जब कई भारतीय और विदेशी एयरलाइनों ने अपनी ओर से निरीक्षण शुरू कर दिया।
एयर इंडिया की जांच रिपोर्ट और FAA सलाह
रिपोर्ट में बताया गया कि FAA ने 2018 में एक सलाह जारी की थी, जिसमें फ्यूल स्विच लॉक की जांच की सिफारिश की गई थी।
हालांकि, यह कोई बाध्यकारी आदेश नहीं था, इसलिए एयर इंडिया ने तब जांच नहीं करवाई।
रिपोर्ट के अनुसार, जिस विमान में हादसा हुआ, उसमें 2019 और 2023 में थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल बदला गया था।
एयर इंडिया के CEO कैंपबेल विल्सन ने आंतरिक ज्ञापन में कहा कि कोई यांत्रिक या रखरखाव से जुड़ी गड़बड़ी नहीं पाई गई।
एयरलाइनों की प्रतिक्रियाएं
- सिंगापुर एयरलाइंस और उसकी सहयोगी स्कूट ने कहा कि उनके सभी 787 विमानों में कोई समस्या नहीं मिली।
- कोरियन एयरलाइंस और जापान एयरलाइंस ने भी 2018 की FAA सलाह के अनुसार निरीक्षण की पुष्टि की।
- एयर इंडिया ग्रुप ने अपनी सभी 737 और लगभग आधे 787 विमानों की जांच पूरी कर ली है और अब तक कोई गड़बड़ी नहीं मिली।
निष्कर्षतः
एयर इंडिया क्रैश जांच 2025 से जुड़ी यह रिपोर्ट एयरलाइनों के लिए महत्वपूर्ण चेतावनी बनकर उभरी है।
हालांकि किसी तरह की यांत्रिक विफलता सिद्ध नहीं हुई, फिर भी एहतियात के तौर पर फ्यूल स्विच लॉक की जांच आवश्यक मानी जा रही है।
भारत जैसे तेजी से बढ़ते विमानन बाजार में ऐसी घटनाएं सुरक्षा मानकों को और कठोर बनाने की दिशा में संकेत देती हैं।