रायपुर / ETrendingIndia / शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष वापसी , भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री की ऐतिहासिक वापसी पर कैबिनेट का अभिनंदन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में बुधवार को ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से सुरक्षित वापसी पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया।
कैबिनेट ने इसे “गौरव, सम्मान और हर्ष का क्षण” करार दिया और कहा कि यह मिशन भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान योजना का एक अहम मील का पत्थर है।
ऐतिहासिक उपलब्धि, भारत के लिए नया युग
18 दिनों तक कक्षा में रहने के बाद, शुक्ला मंगलवार को स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल के माध्यम से पृथ्वी पर लौटे।
वह न केवल ISS जाने वाले पहले भारतीय बने, बल्कि 1984 में राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय भी हैं।
कैबिनेट के अनुसार, यह मिशन गगनयान और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन जैसी आगामी योजनाओं की दिशा में एक निर्णायक कदम है।
विज्ञान, अनुसंधान और वैश्विक सहयोग में योगदान
कैबिनेट प्रस्ताव में बताया गया कि शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में रहते हुए माइक्रोग्रैविटी में कई अग्रणी प्रयोग किए। इनमें शामिल हैं:
- मांसपेशियों का पुनर्जनन,
- शैवाल और माइक्रोबियल वृद्धि,
- फसल की जीवंतता,
- सूक्ष्मजीवों की जीवन क्षमता,
- मस्तिष्क की कार्यक्षमता,
- तथा स्यानोबैक्टीरिया का व्यवहार।
इन प्रयोगों से वैश्विक वैज्ञानिक ज्ञान में वृद्धि होगी और भारत की भविष्य की अंतरिक्ष योजनाओं को अमूल्य अंतर्दृष्टि मिलेगी।
प्रधानमंत्री के नेतृत्व को श्रेय, अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधार
प्रस्ताव में प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी और निर्णायक नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा गया कि चंद्रयान-3 और आदित्य एल1 जैसे अभियानों की सफलता ने भारत को वैश्विक अंतरिक्ष ताकत बना दिया है।
कैबिनेट ने यह भी उल्लेख किया कि अंतरिक्ष क्षेत्र में संरचनात्मक सुधारों से अब तक लगभग 300 स्पेस-टेक स्टार्टअप्स उभरे हैं, जिससे रोजगार, नवाचार और प्रौद्योगिकी आधारित विकास को बल मिला है।
प्रेरणा का स्रोत, विकसित भारत की दिशा में अग्रसर
कैबिनेट ने कहा कि शुभांशु शुक्ला की उपलब्धि केवल एक व्यक्तिगत सफलता नहीं बल्कि देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का प्रकाशस्तंभ है।
इससे वैज्ञानिक सोच को बल, जिज्ञासा में वृद्धि, और अंतरिक्ष विज्ञान में करियर के प्रति युवाओं का रुझान बढ़ेगा।
“यह मिशन भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र (Viksit Bharat) बनाने की राष्ट्रीय संकल्पना को ऊर्जा प्रदान करेगा,” प्रस्ताव में कहा गया।
निष्कर्षतः
शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष वापसी भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह मिशन न केवल देश की वैज्ञानिक क्षमता को दर्शाता है बल्कि अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की वैश्विक भूमिका को भी सशक्त करता है।
यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों को आकाश से आगे सोचने की प्रेरणा देती है।