रायपुर / ETrendingIndia / देशी मलेरिया वैक्सीन AdFalciVax , ICMR ने बनाई दो-चरणीय देशी मलेरिया वैक्सीन
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने देश की पहली देशी मलेरिया वैक्सीन AdFalciVax विकसित की है। यह वैक्सीन दो महत्वपूर्ण चरणों को लक्ष्य बनाकर मलेरिया के खिलाफ व्यापक सुरक्षा देने की क्षमता रखती है।
दो चरणों पर एक साथ प्रभाव
इस नई वैक्सीन में पारंपरिक टीकों से अलग विशेषता है। AdFalciVax एक चाइमेरिक मल्टीस्टेज वैक्सीन है, जो प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम के प्री-एरिथ्रोसाइटिक और यौन चरणों को एक साथ लक्षित करती है। इस कारण यह न केवल व्यक्ति को संक्रमण से बचाती है, बल्कि मच्छर के माध्यम से रोग के प्रसार को भी रोकने में सहायक हो सकती है।
सुरक्षित तकनीक और बेहतर स्थायित्व
इस वैक्सीन को Lactococcus lactis नामक सुरक्षित बैक्टीरिया से विकसित किया जा रहा है, जो खाद्य-श्रेणी में आता है। इसके अलावा, AdFalciVax में थर्मल स्टेबिलिटी भी है, यानी यह 9 महीने तक कमरे के तापमान पर भी प्रभावी बनी रह सकती है।
प्रीक्लिनिकल परीक्षणों में आशाजनक परिणाम
ICMR के अनुसार, प्रीक्लिनिकल परीक्षणों में यह वैक्सीन प्रभावी इम्यून रिस्पॉन्स दे रही है। इससे दीर्घकालिक सुरक्षा, रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि और प्रतिरक्षा प्रणाली से बच निकलने की संभावनाएं भी कम हो जाती हैं।
तकनीक लाइसेंसिंग की तैयारी में ICMR
फिलहाल, देशी मलेरिया वैक्सीन AdFalciVax को क्लिनिकल उपयोग के लिए स्वीकृति नहीं मिली है। लेकिन ICMR इसे गैर-विशिष्ट समझौतों के माध्यम से अन्य संस्थानों को लाइसेंस देने की योजना बना रहा है, ताकि इसका उत्पादन और व्यवसायीकरण संभव हो सके।
‘मेक इन इंडिया’ को मिलेगा बढ़ावा
इस प्रयास को भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल के अनुरूप एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। आने वाले समय में यह वैक्सीन भारत की मलेरिया उन्मूलन रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकती है।