रायपुर / ETrendingIndia / Chhattisgarh government launched campaign against obesity: Emphasis on Fit India and healthy lifestyle / छत्तीसगढ़ मोटापा मुहिम , केंद्र सरकार ने मोटापे की समस्या से निपटने के लिए मुहिम प्रारंभ की है।
छत्तीसगढ़ मोटापा मुहिम , प्रधानमंत्री श्री मोदी ने गत दिनों देहरादून में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेल के शुभारंभ समारोह में मोटापे से निजात पाने के लिए फिट इंडिया एवं स्वास्थ्य जीवनशैली अभियान पर बल दिया था। इसी तारतम्य मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने राज्य में मोटापे की समस्या से निपटने के लिए अभियान शुरू किया है।
वर्तमान दौर में मोटापा एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती बन चुका है, जो वयस्कों और बच्चों दोनों को प्रभावित कर रहा है।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण एनएफएचएस के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में प्रत्येक पांच में से एक वयस्क अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त है।
द लैंसेट जीबीडी 2021 मोटापा पूर्वानुमान अध्ययन (2025) के अनुसार, भारत 2050 तक मोटापे के बोझ के मामले में विश्व का दूसरा सबसे प्रभावित देश बन सकता है, जहां मोटे वयस्कों की संख्या 2021 के 18 करोड़ से बढ़कर 44.9 करोड़ हो सकती है।
मोटापा मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और कुछ कैंसर जैसे गैर-संचारी रोगों के जोखिम को बढ़ाता है। यह मानसिक स्वास्थ्य, गतिशीलता और जीवन की गुणवत्ता को भी प्रभावित करता है।
यह स्वास्थ्य देखभाल लागत और उत्पादकता हानि के माध्यम से आर्थिक बोझ भी बढ़ाता है।
मोटापा आनुवंशिकी, अस्वास्थ्यकर आहार और कम शारीरिक गतिविधियों का परिणाम है।
वैश्विक खाद्य बाजारों के एकीकरण ने प्रसंस्कृत और उच्च वसा, नमक, चीनी वाले खाद्य पदार्थों की उपलब्धता बढ़ाई है, जिससे प्रति व्यक्ति कैलोरी सेवन में वृद्धि हुई है।
बच्चों में मोटापा खराब खान-पान और गतिहीन जीवनशैली के कारण बढ़ रहा है।
यह शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ बच्चों के आत्म-सम्मान, मानसिक स्वास्थ्य और स्कूल प्रदर्शन को भी प्रभावित करता है।
अभियान के तहत कार्यस्थलों, स्कूलों और सार्वजनिक संस्थानों में ऑयल और शुगर बोर्ड लगाने का निर्देश दिया गया है।
इन बोर्डों पर खाद्य पदार्थों में छिपी वसा और चीनी की मात्रा की जानकारी प्रदर्शित की जाती है, ताकि लोग संतुलित आहार चुन सकें।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने स्कूलों को ऑयल बोर्ड और शुगर बोर्ड स्थापित करने का निर्देश दिया है, ताकि छात्रों को अत्यधिक तेल और चीनी के सेवन के जोखिमों के बारे में जागरूक किया जा सके।
स्कूलों से स्वास्थ्यवर्धक भोजन उपलब्ध कराने और शारीरिक गतिविधियों जैसे सीढ़ी चढ़ने, लघु व्यायाम तथा पैदल मार्गों को प्रोत्साहित करने का भी अनुरोध किया गया है।
सरकार ने पोषण अभियान और ईट राइट इंडिया जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से पौष्टिक आहार और मोटे अनाज जैसे ज्वार, बाजरा को बढ़ावा दिया है।
ये फसलें पोषक तत्वों से भरपूर, ग्लूटेन-मुक्त और मोटापा, मधुमेह, और हृदय रोग की रोकथाम में सहायक हैं।
नई शिक्षा नीति के तहत, स्कूलों में स्वास्थ्य और पोषण शिक्षा को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है।
स्कूल हेल्थ ऐंड वेलनेस प्रोग्राम के तहत, शिक्षकों को हेल्थ ऐंड वेलनेस एंबेसडर के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है, जो बच्चों को स्वस्थ आदतें सिखाते हैं।
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने अपने यूट्यूब चौनल पर जागरूकता सामग्री और पोस्टर उपलब्ध कराए हैं, जिनका उपयोग स्कूल और कार्यस्थल कर सकते हैं।
कार्यस्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देकर, भारत एक स्वस्थ और सशक्त राष्ट्र की ओर अग्रसर हो सकता है।