रायपुर / ETrendingIndia / 12वीं कोल ब्लॉक नीलामी संपन्न, सात खदानों को मिला निवेशक
केंद्र सरकार ने 28 से 31 जुलाई 2025 के बीच आयोजित 12वीं वाणिज्यिक कोल ब्लॉक नीलामी के सफल समापन की घोषणा की है। इस दौर में कुल 7 कोल ब्लॉक की नीलामी की गई, जिनमें 3 पूर्णतः अन्वेषित और 4 आंशिक रूप से अन्वेषित खदानें शामिल हैं।
1,761 मिलियन टन भंडार और 7,098 नौकरियों की संभावना
इन कोल ब्लॉकों में कुल 1,761.49 मिलियन टन का भू-वैज्ञानिक कोयला भंडार है।
नीलामी में चयनित खदानों के संचालन से अनुमानित 7,098 नए रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे, जो कोयला प्रभावित क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास को बल देंगे।
निवेश और राजस्व दोनों में इजाफा
इस नीलामी से सरकार को सालाना ₹719.90 करोड़ का राजस्व (केवल पूर्णतः अन्वेषित ब्लॉकों से) प्राप्त होने की संभावना है, जबकि ₹787.50 करोड़ के पूंजी निवेश की उम्मीद है।
नीलामी में औसतन 26.70% राजस्व शेयर प्राप्त हुआ, जो इस क्षेत्र में निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।
2020 से अब तक 131 खदानें नीलाम
वाणिज्यिक कोयला खनन की शुरुआत 2020 में हुई थी। तब से अब तक 131 कोल ब्लॉकों की सफल नीलामी हो चुकी है, जिनकी अनुमानित वार्षिक उत्पादन क्षमता 277.31 मिलियन टन प्रति वर्ष है।
इन परियोजनाओं के संचालन से सालाना लगभग ₹39,359 करोड़ का राजस्व, ₹41,597 करोड़ का निवेश, और 3.75 लाख रोजगार सृजन का अनुमान है।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कोयला क्षेत्र का योगदान
कोयला मंत्रालय ने कहा है कि यह सफलता भारत की ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक आत्मनिर्भरता को मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
घरेलू उत्पादन बढ़ाकर सरकार कोयला आयात पर निर्भरता घटाना चाहती है, जिससे ‘आत्मनिर्भर भारत’ का लक्ष्य साकार हो सके।
✅ निष्कर्ष
इस नीलामी से न केवल देश के ऊर्जा क्षेत्र को मजबूती मिलेगी, बल्कि हजारों परिवारों को रोज़गार, और कोयला क्षेत्रों को विकास की नई दिशा मिलेगी। सरकार की पारदर्शी नीति और निवेशकों की भागीदारी से कोयला क्षेत्र अब देश की अर्थव्यवस्था में रीढ़ की हड्डी बनने की ओर अग्रसर है।