बिजली उत्पादन क्षमता 2032
Coal-fired power station with smoking chimneys against dramatic sunset sky. Harmful fuel usage in big city. Carbon dioxide CO2 emissions as primary driver of global climate change.

रायपुर / ETrendingIndia / बिजली उत्पादन क्षमता 2032 , भारत 2032 तक बिजली उत्पादन क्षमता को लगभग दोगुना करेगा, बढ़ती मांग को पूरा करने की तैयारी

नई दिल्ली – भारत सरकार ने जानकारी दी है कि देश की बिजली उत्पादन क्षमता को वर्ष 2031-32 तक बढ़ाकर लगभग 870 गीगावाट (GW) किया जाएगा, जो जून 2025 तक की 480 GW की मौजूदा क्षमता से लगभग दोगुनी है। यह कदम देश में तेजी से बढ़ती बिजली की मांग को देखते हुए उठाया जा रहा है।

लोकसभा में एक लिखित उत्तर में केंद्रीय विद्युत राज्य मंत्री श्रीपद येस्सो नाइक ने बताया कि बिजली की मांग में तेजी तेज आर्थिक विकास, घरेलू विद्युतीकरण, ** ur्बनीकरण**, जीवन स्तर में सुधार, और एसी व इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे ऊर्जा-गहन उपकरणों के बढ़ते उपयोग के कारण हो रही है।


थर्मल पावर में सबसे बड़ा विस्तार

सरकार ने 2034-35 तक कोयला और लिग्नाइट आधारित थर्मल क्षमता की जरूरत 3,07,000 मेगावाट (MW) आंकी है, जबकि मार्च 2023 तक यह 2,11,855 MW थी। इसे पूरा करने के लिए 97,000 MW नई थर्मल क्षमता जोड़ने की योजना है।

  • अप्रैल 2023 से जून 2025 के बीच 11,680 MW थर्मल क्षमता पहले ही चालू की जा चुकी है।
  • 38,935 MW निर्माणाधीन हैं।
  • 15,440 MW थर्मल परियोजनाओं को FY 2024-25 में अनुबंधित किया गया है।
  • 35,460 MW संभावित थर्मल परियोजनाएं योजना चरण में हैं।

जल, परमाणु और नवीकरणीय ऊर्जा का योगदान

  • जलविद्युत (हाइड्रो):
    • 13,463.5 MW निर्माणाधीन
    • 9,802 MW योजना चरण में
  • परमाणु ऊर्जा:
    • 6,600 MW निर्माणाधीन (2030 तक लक्ष्य)
    • 7,000 MW योजना व अनुमोदन चरण में
  • नवीकरणीय ऊर्जा:
    • 1,58,450 MW निर्माणाधीन
      • 74,150 MW सौर
      • 30,080 MW पवन
      • 53,750 MW हाइब्रिड
    • 62,000 MW योजना चरण में
      • 46,010 MW सौर
      • 15,990 MW हाइब्रिड

ऊर्जा भंडारण (Energy Storage) में प्रगति

  • 8,250 MW / 49,500 MWh क्षमता वाले पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट (PSPs) निर्माणाधीन हैं।
  • 5,780 MW / 34,680 MWh PSPs अनुमोदित हैं, जिनमें से 3,500 MW / 21,000 MWh बोली प्रक्रिया में हैं।
  • 15,829 MW / 51,106 MWh क्षमता के बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) विभिन्न चरणों में हैं।

निष्कर्ष

भारत सरकार का यह रोडमैप न केवल ऊर्जा क्षेत्र को मजबूत करेगा, बल्कि देश को आत्मनिर्भर और भविष्य की मांगों के लिए तैयार भी बनाएगा।