छत्तीसगढ़ हाथी आतंक
छत्तीसगढ़ हाथी आतंक

रायपुर / ETrendingIndia / Increasing presence of elephants in the forests of Chhattisgarh, an atmosphere of panic in Korba- Surajpur- Jashpur/ छत्तीसगढ़ हाथी आतंक , छत्तीसगढ़ के उत्तरी जिलों के वन वन क्षेत्रों खासकर कोरबा, कटघोरा, सूरजपुर और जशपुर आदि में इन दिनों हाथियों की बढ़ती गतिविधियों ने वनांचल ही नहीं बल्कि आसपास के गांवों के ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है।

छत्तीसगढ़ हाथी आतंक , कोरबा और कटघोरा वनमंडल में 82 हाथियों की मौजूदगी दर्ज की गई है।

हाल ही में 46 हाथियों का एक झुंड एनएच-130 पर सड़क पार करता दिखा, जिससे यातायात घंटों ठप रहा।

इस झुंड में 14 बच्चे भी थे, जिनकी उम्र 5 साल से कम बताई गई है।

वन विभाग के अनुसार, हाथियों के झुंड झारखंड और ओडिशा की सीमाओं से भटककर छत्तीसगढ़ के घने जंगलों में आ गए हैं और अब यहीं डेरा जमाए हुए हैं।

सूरजपुर और जशपुर जिलों में भी खेतों को नुकसान पहुंचाने, फसल रौंदने और घरों में घुसने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।

हाथियों का ऐसे दल अब उत्तर के जिलों से निकलकर मध्य एवं दक्षिण छत्तीसगढ़ के जिलों जैसे बलौदाबाजार – भाटापारा , महासमुंद , गरियाबंद, धमतरी और कांकेर भी पहुंच गए हैं।

वन विभाग द्वारा निगरानी और लोगों को सतर्क करने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों में डर बना हुआ है।

हाथियों का बार-बार रिहायशी इलाकों में प्रवेश मानव-वन्यजीव संघर्ष को बढ़ावा दे रहा है।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सरकार को स्थायी समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है।