भारत-जापान कार्मिक आदान-प्रदान
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रायपुर / ETrendingIndia / भारत-जापान कार्मिक आदान-प्रदान पांच साल में 5 लाख लोगों का आदान-प्रदान

भारत और जापान ने मानव संसाधन सहयोग को नई ऊंचाई देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों देशों ने अगले पांच साल में 5 लाख से अधिक लोगों के आदान-प्रदान का लक्ष्य तय किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापानी प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने इस पहल को द्विपक्षीय संबंधों के लिए ऐतिहासिक बताया।

शिक्षा और उद्योग पर होगा जोर

इस योजना के तहत शिक्षा, उद्योग और शोध के क्षेत्रों में नई संभावनाएं खुलेंगी। भारत से 50,000 से अधिक कुशल पेशेवर जापान जाएंगे। इनमें सूचना प्रौद्योगिकी, सेमीकंडक्टर और एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होंगे। इसरो-जाक्सा जैसी तकनीकी साझेदारियों की तरह, यह सहयोग भी द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगा।

कौशल विकास और छात्रवृत्ति कार्यक्रम

भारत-जापान कार्मिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत स्किल डेवेलपमेंट, स्टूडेंट एक्सचेंज, रिसर्च प्रोग्राम और नई छात्रवृत्तियां शुरू होंगी। जापानी कंपनियां भारतीय विश्वविद्यालयों से प्रतिभाशाली युवाओं की भर्ती करेंगी। साथ ही, भाषा प्रशिक्षण, इंटर्नशिप और जॉब सपोर्ट सिस्टम भी उपलब्ध कराए जाएंगे।

सांस्कृतिक जुड़ाव और परंपरागत चिकित्सा

दोनों देशों ने सांस्कृतिक जुड़ाव पर भी जोर दिया है। जापान में योग और आयुर्वेद केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिन्हें भारत का आयुष मंत्रालय संचालित करेगा। यह पहल पारंपरिक स्वास्थ्य पद्धतियों को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देगी।