रायपुर, 09 सितम्बर 2025/ ETrendingIndia / Paddy cultivation: Ramratan Nikunj became an inspiration by producing record yield through grid method, producing 106 quintals in one hectare / धान की खेती ग्रिड पद्धति , छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के झगरहा गाँव के 67 वर्षीय प्रगतिशील किसान श्री रामरतन राम निकुंज ने सेवानिवृत्ति के बाद आधुनिक तरीके से खेती कर सफलता की नई मिसाल कायम की है।
धान की खेती ग्रिड पद्धति , उन्होंने वर्मी ग्रिड मैथड से हाईब्रीड धान की खेती में प्रति हेक्टेयर रिकार्ड 106 क्विण्टल का उत्पादन किया और प्रदेश में प्रथम स्थान हासिल किया।
श्री निकुंज की मेहनत, नवीन सोच और वैज्ञानिक दृष्टिकोण ने साबित किया है कि यदि इरादा दृढ़ हो तो उम्र सफलता के मार्ग में बाधा नहीं बनती।
उनकी उपलब्धि न केवल व्यक्तिगत है, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण है।
श्री रामरतन निकुंज पूर्व में दक्षिण पूर्वी कोलफील्ड्स लिमिटेड में फोरमेन इंचार्ज के पद पर कार्यरत थे। वर्ष 2018 में सेवानिवृत्त होने के पश्चात् उन्होंने पाँच एकड़ भूमि में आधुनिक और वैज्ञानिक खेती के लिए मॉडल खेत बनाने का संकल्प लिया।
प्रारंभ में कतार बोनी और श्री विधि से धान की खेती करने के बाद वर्ष 2023 से उन्होंने वर्मी ग्रिड मैथड को अपनाया।
इस पद्धति में खेत को ग्रिड में विभाजित कर प्रत्येक खंड में वर्मी कम्पोस्ट (केचुआ खाद) का उपयोग किया जाता है।
इससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है, पौधों को संतुलित पोषण मिलता है, खरपतवार नियंत्रण के लिए वीडर का उपयोग करने से रासायनिक दवाओं पर निर्भरता घटती है और उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि होती है।
इस पद्धति से वर्ष 2024 में उन्होंने हाइब्रिड धान की खेती की, जिसमें 106 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की रिकॉर्ड पैदावार प्राप्त हुई।
इस वर्ष उन्होंने सुगंधित ‘देवमोगरा’ किस्म पर भी सफल प्रयोग किया है।
खेती में सफलता के पीछे जिला प्रशासन कोरबा और कृषि विभाग का मार्गदर्शन अहम रहा।
कृषि अधिकारी श्री कंवर तथा ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी श्री संजय पटेल ने उन्हें समय-समय पर वर्मी ग्रिड मैथड की तकनीक और वैज्ञानिक खेती के तौर-तरीके समझाए।
राज्य शासन की योजनाओं से वर्मी कम्पोस्ट संयंत्र, उन्नत बीज और प्रशिक्षण की सुविधाएँ उपलब्ध कराई गईं, जिससे उन्हें नई तकनीक अपनाने में सहायता मिली।