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रायपुर 9 सितम्बर 2025 / ETrendingIndia /Rajasthan Masala Conclave 2025 : Now Masala Conclave will be organized every year – Chief Minister Shri Bhajanlal Sharma / राजस्थान मसाला कॉन्क्लेव 2025 , राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान मसालों के उत्पादन और व्यापार का प्रमुख केंद्र होने के साथ ही मसालों की समृद्ध परंपरा के लिए विश्व विख्यात है। मसाला कॉनक्लेव का आयोजन राज्य के मसाला उद्योग को नई दिशा व गति प्रदान करेगा। प्रदेश में अब हर वर्ष मसाला कॉन्क्लेव आयोजित किया जाएगा।

इस संबंध में समिति का गठन भी किया जाएगा, जिससे राज्य के मसाला उत्पादकों एवं व्यापारियों को नई संभावनाओं और नए अवसरों का सृजन करने के लिए एक वैश्विक मंच मिल सके।

श्री शर्मा जयपुर के बिड़ला सभागार में आयोजित राजस्थान मसाला कॉन्क्लेव-2025 में उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि राजस्थान जीरा उत्पादन में देश में पहले, मैथी एवं सौंफ उत्पादन में दूसरे और धनिया एवं अजवाइन उत्पादन में तीसरे स्थान पर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के वोकल फोर लोकल की अवधारणा मसाला उद्योग के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

केंद्र सरकार द्वारा राजस्थान में आठ इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं।

इन इन्क्यूबेंशन सेंटर में कृषि उपज की जांच, छंटाई, ग्रेडिंग, गोदाम, कोल्ड स्टोरेज और ओडीओपी उपज के लिए प्रसंस्करण सुविधा मिल सकेगी ।

अगले साल होगा ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा किसानों के कल्याण एवं समृद्धि के लिए कई नीतियां लाई गई हैं।

कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति के तहत राज्य में 1 हजार 497 कृषि आधारित औद्योगिक इकाइयों को लगभग 630 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है।

कृषि आधारित उद्योगों एवं प्रसंस्करण इकाइयों में राज्य में करीब 3 हजार 504 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है।

राइजिंग राजस्थान समिट से कृषि प्रसंस्करण के क्षेत्र में राज्य में करीब 44 हजार करोड़ रुपये का निवेश होना प्रस्तावित हैं।

राज्य में अगले साल ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट का आयोजन किया जाएगा।

जीआई टैग से मसालों को मिली विशिष्ट पहचान

श्री शर्मा ने कहा कि राज्य के मसालों को विशिष्ट वैश्विक पहचान दिलाने के लिए प्रमुख मसालों एवं अन्य कृषि उत्पादों को जीआई टैग दिलवाया जा रहा है।

जीआई टैग मिलने से उत्पादकों और प्रसंस्करणकर्ताओं को मूल्य संवर्धन का लाभ मिल सकेगा।

कृषक उत्पादक संगठनों के लिए एफपीओ पॉलिसी

अब तक राज्य में 913 कृषक उत्पादक संगठनों का पंजीकरण किया जा चुका है।

39 फूड पार्क की स्थापना

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के प्रसंस्करणकर्ताओं को एक ही स्थान पर प्रसंस्करण सें संबंधित सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए विभिन्न जिलों के 39 फूड पार्क स्थापित किए जा रहे हैं।

मंडी यार्ड में विकास कार्य और किसानों को मंडी यार्डों तक अपनी उपज लाने की सुविधा के लिए संपर्क सड़कों का निर्माण भी करवाया जा रहा है।

148 लाख पात्र फसल बीमा पॉलिसी धारक किसानों को 3 हजार 912 करोड़ रुपये का फसल बीमा क्लेम का भुगतान किया गया है .

खरीफ 2025 में करीब 163 लाख फसल बीमा पॉलिसी सृजित हो चुकी है।

कृषि मंत्री श्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि हमारी सरकार किसानों को खाद, बीज देने में कोई कमी नहीं छोडे़गी।

कृषि उपज मंडी समिति आंगणवा, जोधपुर और कृषि उपज मंडी यार्ड सोहेला, टोंक के इन्क्यूबेंशन सेंटर का वर्चुअल लोकार्पण

आंगणवा इन्क्यूबेंशन सेंटर में मसालों, दालों और सब्जियों के प्रसंस्करण के लिए दो प्रोसेसिंग लाइन, कोल्ड स्टोरेज और एक फूड टेस्टिंग लैब की स्थापना की गई है।

सोहेला के इन्क्यूबेशन सेंटर में तेल मिल, सब्जियों एवं फलों की प्रसंस्करण इकाई और टमाटर एवं मिर्च की पल्प, सॉस इकाई एवं फूड टेस्टिंग लैब स्थापित की गई है।

श्री शर्मा ने सोनवा, टोंक के फूड पार्क का भी वर्चुअल लोकार्पण किया।

श्री शर्मा ने कार्यक्रम में नए किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के पंजीयन प्रमाण पत्र तथा पीएम फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज (पीएम एफएमई) योजना के लाभान्वित कृषकों और उद्यमियों को अनुदान वितरित किया। उन्होंने राज-स्पाइस ऐप का लोकार्पण भी किया।