पार्टी कैसी कैसी
पार्टी कैसी कैसी

रमन जी के घर पार्टी का आयोजन था, सभी नियत समय में पहुंच गए थे। एक प्यारी सी बहू और हैंडसम सा बेटा सबका स्वागत कर रहे थे। यह एक सरप्राइज पार्टी थी जिसका कारण नहीं बताया गया था।

शानदार सजावट,चमकते चेहरे और सबसे शानदार तो भोजन था। गिफ्ट लाने से मना कर दिया गया था, इसलिए किसी के हाथ में गिफ्ट या बुके नहीं था।

पार्टी किसलिए रखी गई है यह रात 11 बजे डिक्लेयर किया जाएगा, ऐसा कहा गया था।

रात 10.30 तक सबका भोजन हो गया था। सबको उत्सुकता थी कारण जानने की।

11 जैसे ही बजा , रमन जी स्टेज पर आये और उन्होंने कहना शुरू किया “मैं अब आप सभी की उत्सुकता खत्म करने जा रहा हूँ, दो साल पहले आप सभी मेरे बेटे की शादी की पार्टी में आये थे और अपना आशीर्वाद दिया था। चूँकि मेरे बेटे और बहू आपस में सामंजस्य नहीं बैठा पा रहे थे, इसलिए आज परस्पर सहमति से इनका तलाक हो गया है। और ये पार्टी भी इसीलिए रखी गई है।”

सबकी फुसफ़साहट शुरू हो गई थी “अरे तलाक में भी कोई पार्टी करता है भला ? “

सबकी जिज्ञासा शांत करते हुए रमन जी के बेटे ने कहना शुरू किया “आप सभी की जिज्ञासा मैं समझ रहा हूँ , दरअसल शादी में हमने वधु पक्ष से कोई दहेज नहीं लिया था सिर्फ एक साड़ी में दुल्हन लाये थे, इसीलिए तलाक होने पर मेरी पूर्व पत्नी ने भी कोई गुजरा भत्ता नहीं मांगा बस इसी खुशी में हमने ये पार्टी रखी है।”

” इतनी ही समझदारी यदि पति- पत्नी में थी फिर ये तलाक की नोबत कैसे आई यही समझ से परे है ” कहते हुए एक बुजुर्ग जाने को उठ खड़े हुए।

लघु कथा / ETrendingIndia /

सुरेखा गुप्ता, जुनवानी, भिलाई