रायपुर 14 सितंबर 2025 / ETrendingIndia / Manipur is the crown jewel on the crown of Mother India, Manipur has to be continuously taken forward on the path of peace and development – Prime Minister Modi: Inaugurating projects worth Rs 1,200 crore in Imphal / मणिपुर विकास परियोजनाएँ 2025 , प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मणिपुर के इंफाल में 1,200 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया।
उन्होंने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि ये परियोजनाएँ मणिपुर के लोगों के जीवन को आसान बनाएँगी और बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करेंगी।
इससे युवाओं और राज्य के बेटे-बेटियों के लिए रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे।
इसमें 3,600 करोड़ रुपये की ‘मणिपुर शहरी सड़क परियोजना’ और 500 करोड़ रुपये की’मणिपुर इन्फोटेक विकास परियोजना’ शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि “21वीं सदी पूर्व और पूर्वोत्तर की है।” भारत सरकार ने मणिपुर के विकास को लगातार प्राथमिकता दी है . वर्ष 2014 से पहले, मणिपुर की विकास दर एक प्रतिशत से भी कम थी। आज, मणिपुर पहले की तुलना में कई गुना तेज़ी से प्रगति कर रहा है। राज्य में सड़क निर्माण और राष्ट्रीय राजमार्ग विकास की गति कई गुना बढ़ गई है। हर गाँव तक सड़क संपर्क बढ़ाने के लिए तेज़ी से काम चल रहा है।
इम्फाल संभावनाओं का शहर है, वह इम्फाल को भारत के उन विकसित शहरों में से एक के रूप में देखते हैं जो युवाओं के सपनों को साकार करेगा और राष्ट्र की प्रगति को गति देगा।
इसी परिकल्पना के अंतर्गत, स्मार्ट सिटी मिशन के अनुरूप इम्फाल में कई परियोजनाएँ पूरी हो चुकी हैं। सैकड़ों करोड़ रुपये की कई अन्य परियोजनाएँ भी तेज़ी से आगे बढ़ रही हैं।
चाहे इम्फाल हो या मणिपुर के अन्य क्षेत्र, स्टार्टअप और प्रौद्योगिकी -आधारित उद्योगों के लिए नए अवसर उभर रहे हैं। आईटी विशेष आर्थिक क्षेत्र इन संभावनाओं को और मज़बूत करेगा और इस क्षेत्र का पहला भवन बनकर तैयार हो चुका है।
मणिपुर में एक नए नागरिक सचिवालय भवन की मांग लंबे समय से चली आ रही थी। यह भवन अब बनकर तैयार है और यह शासन में ‘नागरिक देवोभव’ की भावना को सुदृढ़ करेगा।
मणिपुर से बहुत से लोग अक्सर कोलकाता और दिल्ली आते-जाते हैं, इन शहरों में किफायती आवास सुनिश्चित करने के लिए, दोनों स्थानों पर मणिपुर भवन का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि ये सुविधाएँ मणिपुर की बेटियों के लिए बहुत सहायक होंगी। जब बच्चे वहाँ सुरक्षित होंगे, तो घर पर माता-पिता की चिंताएँ कम होंगी।
श्री मोदी ने स्वीकार किया कि मणिपुर के कई हिस्से बाढ़ से संबंधित गंभीर चुनौतियों से जूझ रहे हैं। सरकार इस समस्या को कम करने के लिए कई परियोजनाओं पर सक्रिय रूप से काम कर रही है।
मणिपुर एक ऐसा राज्य है जहाँ माताएँ और बहनें अर्थव्यवस्था में अग्रणी भूमिका निभाती हैं, प्रधानमंत्री ने इमा कीथेल की परंपरा को इस तथ्य का एक सशक्त प्रमाण बताया। वर्तमान सरकार के गठन के बाद, महिलाओं के लिए विशेष हाट बाज़ार शुरू किए गए, जिन्हें इमा मार्केट के नाम से जाना जाता है। आज चार नए इमा मार्केट का उद्घाटन किया गया है ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मणिपुर ने वे कठिन दिन देखे हैं जब इस क्षेत्र में माल परिवहन एक बड़ी चुनौती थी। उन्होंने कहा कि रोज़मर्रा की चीज़ें हमारी सरकार ने पुरानी कठिनाइयों से उबरने में सहायता की है।
उनकी सरकार ने जीएसटी में उल्लेखनीय कमी की है, इससे मणिपुर के लोगों को दोहरा लाभ होगा। यह कदम क्षेत्र में पर्यटन को प्रोत्साहन देने में सहायक होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, “मणिपुर के पास हज़ारों वर्षों की समृद्ध विरासत है। इस क्षेत्र की सांस्कृतिक जड़ें गहरी और मज़बूत हैं। मणिपुर भारत माता के मुकुट पर सजा मुकुट रत्न है।”
श्री मोदी ने कहा कि मणिपुर में किसी भी प्रकार की हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण है और ऐसी हिंसा हमारे पूर्वजों और आने वाली पीढ़ियों, दोनों के साथ घोर अन्याय है। उन्होंने मणिपुर को शांति और विकास के पथ पर निरंतर आगे बढ़ाने के महत्व पर बल दिया।
प्रधानमंत्री ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्रीय रक्षा में मणिपुर के प्रेरक योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने याद दिलाया कि मणिपुर की धरती पर ही आज़ाद हिंद फ़ौज ने पहली बार भारत का झंडा फहराया था। उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस का स्मरण किया, जिन्होंने मणिपुर को भारत की स्वतंत्रता का प्रवेश द्वार बताया था और इस धरती के अनेक वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी थी।
श्री मोदी ने कहा कि सरकार मणिपुर के प्रत्येक महान व्यक्तित्व से प्रेरणा लेती है। सरकार द्वारा उठाए गए एक बड़े कदम – अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में माउंट हैरियट का नाम बदलकर माउंट मणिपुर करने का उल्लेख करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि यह मणिपुर के स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति राष्ट्रीय श्रद्धांजलि है।
आज भी मणिपुर के अनेक बेटे-बेटियाँ देश के विभिन्न हिस्सों में भारत माता की रक्षा में सेवारत हैं. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की सफलता में मणिपुर के वीर बेटे-बेटियों की महत्वपूर्ण भूमिका थी। उन्होंने ऐसे ही एक वीर सैनिक, शहीद दीपक चिंगखम को श्रद्धांजलि दी और उनके साहस को सलाम किया।
श्री मोदी ने कहा कि मणिपुरी संस्कृति के बिना भारतीय संस्कृति अधूरी है और मणिपुर के एथलीटों के बिना भारतीय खेल अधूरे हैं। उन्होंने कहा कि मणिपुर के युवा राष्ट्रीय ध्वज के गौरव को बनाए रखने के लिए पूरी तरह समर्पित हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस पहचान को हिंसा की काली छाया से ढका नहीं जाना चाहिए।
“ जैसे-जैसे भारत एक वैश्विक खेल महाशक्ति के रूप में उभर रहा है, मणिपुर के युवाओं की ज़िम्मेदारी और बढ़ गई है। भारत सरकार ने देश के पहले राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय के लिए मणिपुर को चुना।” खेलो इंडिया योजना और ओलंपिक पोडियम योजनाओं के अंतर्गत, मणिपुर के कई एथलीटों को प्रोत्साहित किया जा रहा है और मणिपुर में आधुनिक खेल बुनियादी ढाँचा विकसित किया जा रहा है।
पोलो को बढ़ावा देने के लिए, मार्जिंग पोलो कॉम्प्लेक्स की स्थापना की गई है. इस क्षेत्र के ओलंपियनों के सम्मान में एक ओलंपियन पार्क भी बनाया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार मणिपुर में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।” लोगों के हितों की रक्षा की जानी चाहिए और शिविरों में रहने को मजबूर लोगों को सामान्य जीवन में वापस लौटने का अवसर मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि विस्थापित परिवारों के लिए 7,000 नए घरों के निर्माण को मंज़ूरी दी गई है। केंद्र सरकार ने मणिपुर के लिए लगभग 3,000 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज घोषित किया है। विस्थापित व्यक्तियों की सहायता के लिए 500 करोड़ रुपये से अधिक की राशि आवंटित की गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हिंसा से प्रभावित लोगों को सामान्य जीवन में वापस लाने में सहायता करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. मणिपुर पुलिस का नवनिर्मित मुख्यालय भी इस प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मणिपुर की धरती से, वह नेपाल में अपने मित्रों को संबोधित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हिमालय की गोद में बसा नेपाल, भारत का घनिष्ठ मित्र और विश्वसनीय साझेदार है। इस बात पर ज़ोर देते हुए कि दोनों राष्ट्र साझा इतिहास, आस्था और भविष्य की एक सामूहिक यात्रा से बंधे हैं, प्रधानमंत्री ने 140 करोड़ भारतीयों की ओर से श्रीमती सुशीला कार्की जी को नेपाल की अंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने पर हार्दिक बधाई दी।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वह नेपाल में शांति, स्थिरता और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेंगी। श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि श्रीमती सुशीला जी का नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त होना महिला सशक्तिकरण का एक उल्लेखनीय उदाहरण है। उन्होंने नेपाल के प्रत्येक व्यक्ति की सराहना की जिन्होंने अस्थिरता के माहौल में भी लोकतांत्रिक मूल्यों को कायम रखा।
नेपाल में हाल के घटनाक्रमों के एक उल्लेखनीय पहलू ऐसा भी है जिस पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दो-तीन दिनों में, नेपाल के युवक-युवतियाँ समर्पण और पवित्रता की भावना के साथ सड़कों की सफ़ाई और रंग-रोगन करते देखे गए हैं। प्रधानमंत्री ने उनकी सकारात्मक सोच और रचनात्मक कार्यों को न केवल प्रेरणादायक बताया, बल्कि नेपाल के पुनरुत्थान का स्पष्ट संकेत भी बताया। उन्होंने नेपाल के उज्ज्वल और समृद्ध भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दीं।
श्री मोदी ने उल्लेख किया कि मणिपुर असीम संभावनाओं से भरा है। उन्होंने संवाद के मार्ग को निरंतर मज़बूत करने तथा पहाड़ियों और घाटी के बीच सद्भाव का एक मज़बूत पुल बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।