लंदन एंटी-प्रवासी प्रदर्शन
LONDON, ENGLAND - SEPTEMBER 13: Protesters wave Union Jack and St George's England flags during the "Unite The Kingdom" rally on Westminster Bridge by the Houses of Parliament on September 13, 2025 in London, England. Far-right activist Tommy Robinson (also known as Stephen Yaxley-Lennon) has invited supporters to hold a rally in central London entitled "Unite The Kingdom". The former English Defence League leader and his supporters are actively islamophobic and racist and have been behind much of the unrest seen outside hotels housing migrants this summer. Stand Up To Racism are mounting a counter-protest to today's rally. (Photo by Christopher Furlong/Getty Images)

रायपुर / ETrendingIndia / लंदन में विशाल एंटी-प्रवासी प्रदर्शन

ब्रिटेन की राजधानी लंदन में शनिवार को 1.10 लाख लोगों ने एंटी-प्रवासी प्रदर्शन में हिस्सा लिया। यह हाल के समय का सबसे बड़ा दक्षिणपंथी प्रदर्शन माना जा रहा है। प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हुईं।

पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प

पुलिस के अनुसार, “यूनाइट द किंगडम” नाम से हुए इस मार्च में प्रदर्शनकारियों को कंट्रोल करना चुनौतीपूर्ण रहा। कई बार स्थिति बिगड़ी और पुलिस पर बोतलें, फ्लेयर्स और अन्य वस्तुएं फेंकी गईं। झड़प में 26 अधिकारी घायल हुए, जिनमें चार की हालत गंभीर बताई जा रही है। अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

भारी पुलिस बल तैनात

लंदन मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने बताया कि करीब 1,600 से अधिक पुलिसकर्मी इस मार्च को संभालने में लगाए गए थे। इनमें 500 अन्य जगहों से बुलाए गए थे। उसी दिन लंदन में बड़े फुटबॉल मैच और कॉन्सर्ट भी आयोजित थे, जिससे पुलिस पर अतिरिक्त दबाव पड़ा।

प्रदर्शन का राजनीतिक असर

यह प्रदर्शन एंटी-इमिग्रेंट एक्टिविस्ट टॉमी रॉबिन्सन ने आयोजित किया था। रॉबिन्सन ने इसे “सांस्कृतिक क्रांति की शुरुआत” बताया। वहीं, अमेरिकी अरबपति एलन मस्क ने भी वीडियो लिंक के जरिए प्रदर्शन का समर्थन किया। दूसरी ओर, “स्टैंड अप टू रेसिज्म” नाम से हुए काउंटर-प्रोटेस्ट में 5,000 लोग शामिल हुए और उन्होंने प्रवासियों के समर्थन में आवाज उठाई।

प्रवासियों का मुद्दा बना सियासी केंद्र

ब्रिटेन में इस समय प्रवासन का मुद्दा राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है। अब तक इस साल 28,000 से ज्यादा प्रवासी छोटे नावों से चैनल पार करके ब्रिटेन पहुंच चुके हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार को अवैध प्रवास पर रोक लगानी चाहिए, जबकि विपक्षी आवाजें प्रवासियों के स्वागत को देश की मजबूती बता रही हैं।