रायपुर, 15 सितम्बर 2025/ ETrendingIndia / Behind every case there is a human story of struggle, of hope, and of faith in the judiciary – Chief Justice Shri Ramesh Sinha / मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा , छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी द्वारा बस्तर संभाग के न्यायिक अधिकारियों के लिए एक दिवसीय संभागीय न्यायिक सेमिनार का आयोजन प्रेरणा हॉल, कलेक्टरेट भवन, जगदलपुर में किया गया। सेमिनार में संभाग के चार जिलों जगदलपुर, कांकेर, दंतेवाड़ा, कोंडागांव के 43 न्यायिक अधिकारियों ने भाग लिया।
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री रमेश सिन्हा एवं मुख्य संरक्षक, छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी ने वर्चुअल माध्यम से सत्र का उद्घाटन किया।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि आज के समय में न्यायपालिका से आशाएं और अपेक्षाएँ बहुत अधिक हैं। यह सेमिनार केवल सीखने का मंच ही नहीं, बल्कि न्याय, निष्पक्षता और विधि के शासन के प्रति हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रतीक भी है।
न्यायिक शिक्षा एक बार की प्रक्रिया नहीं है; बल्कि यह सतत प्रक्रिया है। आज के दौर में जहाँ कानून तेजी से विकसित हो रहे हैं और समाज नई चुनौतियों का सामना कर रहा है, वहाँ न्याय के संरक्षक होने के नाते हमें निरंतर अपने ज्ञान को समृद्ध करना और अपनी न्यायिक क्षमता को धार देना अनिवार्य है। सतत प्रशिक्षण सुनिश्चित करता है कि हम अपने संवैधानिक दायित्वों को दक्षता, ईमानदारी और संवेदनशीलता के साथ निभा सकें।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि बस्तर क्षेत्र अपने विशिष्ट सामाजिक -आर्थिक और सांस्कृतिक परिदृश्य के साथ न्यायपालिका के लिए चुनौतियाँ और अवसर दोनों प्रस्तुत करता है। हमारा दायित्व है कि न्याय समाज के हर कोने तक पहुँचे, विशेष रूप से वंचित और कमजोर वर्गों तक।
यहाँ के न्यायिक अधिकारियों की भूमिका जनता के विश्वास को बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने में अत्यंत महत्वपूर्ण है कि न्याय न केवल किया जाए, बल्कि होता हुआ भी दिखाई दे।
मुख्य न्यायाधीश ने सभी न्यायिक अधिकारियों से आग्रह किया कि वे सहानुभूति, धैर्य और निष्पक्षता के साथ न्यायिक कार्य करें। उन्होंने कहा कि याद रखें, प्रत्येक मामले के पीछे एक मानवीय कहानी होती है संघर्ष, आशा और न्यायपालिका में विश्वास की। हमें सदैव यह सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिए कि न्याय समय पर, पारदर्शी और तर्कपूर्ण तरीके से दिया जाए।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस प्रकार के सेमिनार समकालीन विधिक मुद्दों पर विचार-विमर्श, अनुभवों के आदान-प्रदान और श्रेष्ठ कार्यप्रणालियों को अपनाने का मूल्यवान अवसर प्रदान करते हैं। इस सेमिनार में हुई चर्चाएँ न्यायिक अधिकारियों की दक्षता को बढ़ाएँगी और उन्हें न्यायिक कार्य की जटिलताओं को और अधिक कुशलता से संभालने योग्य बनाएँगी।
सेमिनार में श्री अमितेंद्र किशोर प्रसाद, न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, पोर्टफोलियो न्यायाधीश, जिला कांकेर की भी गरिमामयी उपस्थिति रही।
इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के प्रभारी रजिस्ट्रार जनरल, रजिस्ट्री अधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे।
स्वागत भाषण प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जगदलपुर द्वारा दिया गया, परिचयात्मक उद्बोधन छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी के निदेशक ने तथा धन्यवाद ज्ञापन अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जगदलपुर द्वारा किया गया।