रायपुर, 15 सितम्बर 2025/ ETrendingIndia / District administration strict on principal who sold school furniture, suspension proposal sent to government / स्कूल फर्नीचर बिक्री , स्कूल के फर्नीचर को निजी स्कूलों को विक्रय करने के मामले को बलौदाबाजार कलेक्टर दीपक सोनी ने गंभीरतापूर्वक लेते हुए जांच में तथ्य पाए जाने पर शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय टुण्डरा के प्रभारी प्राचार्य रमेश बंजारे के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिये।
स्कूल फर्नीचर बिक्री , निर्देशानुसार जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा प्रभारी प्राचार्य रमेश बंजारे पर निलंबन की कार्यवाही हेतु प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया।
शासकीय शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय टुण्डरा के प्रभारी प्राचार्य रमेश बंजारे एवं शाला प्रबंधन एवं विकास समिति की सहमति से स्कूल के फर्नीचर को निजी विद्यालयों को बेच देने के सम्बन्ध में शिकायत13 सितम्बर 2025 शनिवार को प्राप्त हुई थी।
शिकायत की जांच हेतु टीम गठित किया गया जिसमें तहसीलदार टुण्डरा,विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कसडोल, सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी कसडोल विकासखंड स्रोत समन्वयक संकुल समन्वयक के द्वारा शनिवार को ही स्थल पर जाकर मौक़ा जांच किया गया।
जांच में पाया गया कि पुराना जर्ज़र भवन को डिसमेन्टल कराए जाने हेतु वहां रखे कबाड़ एवं अनुपयोगी सामान को बेचने एवं प्राप्त राशि को शाला विकास समिति की खाते में जमा करने का निर्णय लिया गया।
शाला के प्रभारी प्राचार्य श्री बंजारे द्वारा उक्त निर्णय के आधार पर टुण्डरा नगर के ज्ञान अमृत विद्यालय को 67 नग टेबल -चेयर एवं धविका पब्लिक स्कूल शिवरीनारायण को 40 नग टेबल -चेयर को कबाड़ मानकर उपयोगी फर्नीचर को बेच दिया गया।
दोनों विद्यालय को बेचे गये फर्नीचर को शनिवार को लगभग 3 बजे शासकीय शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय टुण्डरा के गेट पर नगरवासियों द्वारा रोका गया जिस पर भौतिक सत्यपन कराया गया।
सत्यापन में शिकायत की सत्यता की पुष्टि हुई ।जांच दल द्वारा शिकायतकर्ताओ के समक्ष 3 पिकअप में लाए गए फर्नीचर की शासकीय शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय टुण्डरा के एक क़क्ष में सुरक्षित सीलबंद किया गया एवं पंचनामा तैयार कर ताले की चाबी जांच दल द्वारा अपने कब्जे में लिया गया है।
जांच दल द्वारा शाला प्रबंधन समिति एवं प्रभारी प्राचार्य रमेश बंजारे द्वारा कबाड़ मानकर बेचे गये सभी फर्नीचर को सही स्थिति एवं उपयोग के योग्य पाया गया।
जांच दल द्वारा प्रभारी प्राचार्य को कबाड़ के रूप में बेचे गये फर्नीचर अनुपयोगी सामग्री निस्तारण में किसी भी प्रकार के आपलेखन नियम प्रक्रिया का पालन करना नहीं पाया गया और न ही अपलेखन के पूर्व उच्च कार्यालय से अनुमति प्राप्त किया गया।
इस प्रकार प्रभारी प्राचार्य रमेश बंजारे के द्वारा अपने पदीय दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही बरती गई है जो कि सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के विपरीत है।