रायपुर 22 सितंबर 2025 / ETrendingIndia / Prime Minister addresses the nation: GST reforms to come into effect from September 22, marking the beginning of the GST Savings Festival; these reforms will accelerate India’s growth story / जीएसटी सुधार 2025 , प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि हमारा राष्ट्र आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ा रहा है। 22 सितंबर को सूर्योदय से ही, देश अगली पीढ़ी के वस्तु और सेवाकर (जीएसटी) सुधारों को लागू करेगा।
जीएसटी सुधार 2025 , यह पूरे भारत में जीएसटी बचत उत्सव की शुरुआत है। इस बचत उत्सव का लाभ गरीब, मध्यम वर्ग, नव मध्यम वर्ग, युवाओं, किसानों, महिलाओं, दुकानदारों, व्यापारियों और उद्यमियों, सभी को समान रूप से मिलेगा।
उन्होंने कहा कि ये सुधार भारत की विकास गाथा को गति प्रदान करेंगे, व्यापार संचालन को आसान बनाएंगे, निवेश को अधिक आकर्षक बनाएंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि विकास की दौड़ में प्रत्येक राज्य समान भागीदार बने।
श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि दशकों से नागरिक और व्यापारी करों – चुंगी, प्रवेश कर, बिक्री कर, उत्पाद शुल्क, वैट और सेवा कर – देश भर में दर्जनों शुल्कों के बराबर करों के एक जटिल जाल में उलझे हुए थे।
2014 में जनादेश प्राप्त करने के बाद, उनकी सरकार ने लोगों और राष्ट्र के हित में जीएसटी को प्राथमिकता दी थी।
केंद्र और राज्यों के संयुक्त प्रयासों का ही परिणाम था कि देश विभिन्न करों के जाल से मुक्त हुआ और पूरे देश में एक समान व्यवस्था स्थापित हुई। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र-एक कर का सपना साकार हो गया है।
श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि नए जीएसटी ढांचे के अंतर्गत, मुख्य रूप से केवल 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के कर स्लैब ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि ज़्यादातर रोज़मर्रा की चीज़ें ज़्यादा सस्ती हो जाएँगी। उन्होंने खाने-पीने की चीज़ें, दवाइयाँ, साबुन, टूथब्रश, टूथपेस्ट, स्वास्थ्य और जीवन बीमा जैसी कई वस्तुओं और सेवाओं का वर्णन करते हुए कहा कि या तो अधिकतर वस्तुएं कर-मुक्त होंगी या केवल 5 प्रतिशत कर ही लगेगा।
प्रधानमंत्री ने आगे बताया कि जिन वस्तुओं पर पहले 12 प्रतिशत कर लगता था, उनमें से 99 प्रतिशत या लगभग सभी वस्तुएं अब 5 प्रतिशत कर दायरे में आ गई हैं।
प्रधानमंत्री ने पिछले ग्यारह वर्षों में 25 करोड़ भारतीयों के गरीबी से उबरने और देश की प्रगति में प्रमुख भूमिका निभाने वाले नव-मध्यम वर्ग के एक महत्वपूर्ण वर्ग के रूप में उभरने पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस नव-मध्यम वर्ग की अपनी आकांक्षाएँ और सपने हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष, सरकार ने 12 लाख रुपये तक की आय को कर-मुक्त करके आयकर में राहत का तोहफ़ा दिया है, जिससे मध्यम वर्ग के जीवन में काफ़ी आसानी और सुविधा आई है।
जीएसटी की कम दरों से नागरिकों के लिए अपने सपनों को पूरा करना आसान हो जाएगा—चाहे वह घर बनाना हो, टीवी या रेफ्रिजरेटर खरीदना हो, या स्कूटर, बाइक या कार खरीदना हो—अब सब कम खर्च में होगा। यात्रा भी अधिक किफायती हो जाएगी, क्योंकि अधिकांश होटल कमरों पर जीएसटी कम कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि कई जगहों पर, सुधारों से पहले और बाद में कीमतों की तुलना करने वाले बोर्ड प्रमुखता से लगाए जा रहे हैं।
श्री मोदी ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने की एक बड़ी ज़िम्मेदारी एमएसएमई – भारत के सूक्ष्म, लघु और कुटीर उद्योगों पर है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि जो कुछ भी लोगों की ज़रूरतों को पूरा करता है और देश के भीतर निर्मित किया जा सकता है, उसका उत्पादन घरेलू स्तर पर किया जाना चाहिए।