रायपुर / ETrendingIndia / ऐतिहासिक कदम की शुरुआत
भारत ने सोमवार को भूटान के साथ अपनी पहली क्रॉस-बॉर्डर रेल परियोजनाओं की घोषणा की। करीब 4,000 करोड़ रुपये की लागत वाली यह परियोजनाएँ दोनों देशों के बीच भारत भूटान रेल संपर्क को मजबूत बनाएंगी। इसका उद्देश्य व्यापार बढ़ाना और आर्थिक सहयोग को नई दिशा देना है।
किन शहरों को जोड़ेगी परियोजना
नई रेल लाइनें भूटान के गेलेफु और समतसे शहरों को भारत के असम के कोकराझार और पश्चिम बंगाल के बनरहाट से जोड़ेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछली भूटान यात्रा के दौरान इन परियोजनाओं पर सहमति बनी थी। विदेश सचिव विक्रम मिस्री और भूटानी विदेश सचिव औम पेमा चोडेन ने हाल ही में इस पर विस्तार से चर्चा की।
ऊर्जा और विकास सहयोग पर भी जोर
बैठक में दोनों देशों ने 1,020 मेगावाट के पुनात्संगछू-द्वितीय जलविद्युत परियोजना के पूरा होने पर संतोष जताया। इसके अलावा, भारत द्वारा समर्थित भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना की प्रगति की भी समीक्षा हुई। भारत ने इस योजना के लिए 10,000 करोड़ रुपये की सहायता देने का वादा किया है।
व्यापार और रणनीतिक महत्व
रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भूटान का अधिकांश निर्यात-आयात भारतीय बंदरगाहों से होता है। इसलिए भारत भूटान रेल संपर्क न केवल आर्थिक विकास के लिए अहम है बल्कि वैश्विक नेटवर्क से बेहतर जुड़ाव भी देगा। चीन की बढ़ती रुचि के बीच यह कदम भारत-भूटान की रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगा।