ETrendingIndia बालोद जिले के गुरूर विकासखंड के छोटे से गांव खैरवाही की महिलाएं अब आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ रही हैं। घर की चारदीवारी से निकलकर उन्होंने सब्जी बाड़ी के कार्य को अपनाया और अपनी जिंदगी को आर्थिक मजबूती दी। कमला स्वसहायता समूह की महिलाओं ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) से जुड़कर सब्जी उत्पादन और विपणन की कला सीखी।
समूह की सदस्य श्रीमती सीता साहू ने बताया कि शुरुआत छोटे स्तर से हुई थी, लेकिन अब वे 23 एकड़ भूमि में खेती कर रही हैं और कई अन्य ग्रामीणों को रोजगार भी दे रही हैं। वे भिंडी, लौकी, कुम्हड़ा, गोभी और ककड़ी जैसी सब्जियों का उत्पादन कर बालोद, धमतरी और चारामा की मंडियों में विक्रय कर रही हैं।
महिलाओं को महतारी वंदन योजना का भी लाभ मिल रहा है, जिससे वे अपने कार्य को और विस्तार दे रही हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर ‘लखपति दीदी’ योजना के तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास जारी है। जिला पंचायत के CEO डॉ. संजय कन्नौजे ने भी इनके कार्यों की सराहना की और कहा कि महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है।
खैरवाही की ये महिलाएं अब सिर्फ अपने घर की जरूरतें पूरी नहीं कर रहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा बन गई हैं।