ETrendingIndia रायपुर / मध्यप्रदेश सरकार जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए “जल गंगा संवर्धन अभियान” शुरू करने जा रही है, जो 30 मार्च से 30 जून तक चलेगा। इस अभियान की शुरुआत उज्जैन के क्षिप्रा तट से होगी और इसमें 12 से अधिक विभागों की भागीदारी रहेगी। खास बात यह है कि इस दौरान एक लाख जलदूत तैयार किए जाएंगे, जो जल संचयन और जल स्रोतों के पुनर्जीवन में सहयोग करेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जल संरक्षण अभियान को जन आंदोलन में बदलने के लिए राज्य सरकार ने यह पहल की है। इस अभियान के तहत हर दिन एक जल संरचना का लोकार्पण किया जाएगा, जिससे जल संसाधनों का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके। इसके अलावा, पंचायतों में तालाबों का निर्माण, नदी तटों पर पौधारोपण और लघु किसानों के लिए 50,000 नए खेत-तालाब बनाए जाएंगे।
प्रदेश की 50 से अधिक नदियों के वॉटरशेड क्षेत्र में संरक्षण कार्य भी होंगे, जिससे जल स्तर में सुधार होगा। मुख्यमंत्री ने जनता से इस अभियान को सफल बनाने की अपील करते हुए कहा, “पानी बचाएं, भविष्य बचाएं।” यह अभियान मध्यप्रदेश को “पानीदार प्रदेश” बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।