आयकर दिवस 2025
Tax on Wooden Blocks on Top of Work Desk Space

रायपुर / ETrendingIndia / आयकर दिवस 2025 , भारत में 166वां आयकर दिवस—एक ऐतिहासिक पड़ाव

भारत आज, 24 जुलाई 2025 को आयकर दिवस 2025 मना रहा है, जो देश में आयकर की शुरुआत के 166 वर्षों को चिह्नित करता है। 1860 में ब्रिटिश अर्थशास्त्री सर जेम्स विल्सन द्वारा यह कर पहली बार शुरू किया गया था।

स्वतंत्र भारत में, 1961 में लागू आयकर अधिनियम ने कराधान व्यवस्था को मजबूत आधार दिया। वर्तमान में प्रस्तावित आयकर विधेयक 2025, इस अधिनियम को सरल, स्पष्ट और डिजिटल फ्रेंडली बनाने का प्रयास है।


डिजिटल बदलाव से कर प्रणाली में क्रांति

पिछले कुछ दशकों में, भारत की कर प्रणाली पूरी तरह डिजिटल हो चुकी है।

  • 1972 में PAN की शुरुआत
  • 1981 में कंप्यूटरीकरण
  • 1995 में नया PAN प्रारूप
  • 2009 में बेंगलुरु स्थित CPC (Centralized Processing Centre) की स्थापना

इन पहलों ने टैक्स फाइलिंग को सरल और पारदर्शी बनाया।


इनोवेशन की दिशा में बड़े कदम

सरकार द्वारा शुरू की गई Faceless Assessment Scheme (2019) ने कर निर्धारण में पारदर्शिता बढ़ाई। अब करदाता डिजिटल माध्यम से नोटिस और आकलन प्राप्त कर सकते हैं।

  • Annual Information Statement (AIS)
  • Project Insight
  • Demand Facilitation Centre, मैसूरु
  • TIN 2.0 प्लेटफॉर्म

इन सभी उपायों ने ई-गवर्नेंस और डेटा-संचालित निर्णय प्रणाली को मजबूत किया है।


स्वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्साहन

2025 के वित्त अधिनियम में अपडेटेड ITR दाखिल करने की समयसीमा 24 महीने से बढ़ाकर 48 महीने की गई है। यह करदाताओं को त्रुटियों को सुधारने और पेनल्टी से बचने का अवसर देता है।


रिकॉर्ड तोड़ रिटर्न दाखिल और संग्रह

भारत में टैक्स सुधारों का असर सीधे आंकड़ों में देखा जा सकता है:

  • FY 2020–21 में 6.72 करोड़ ITR से बढ़कर
  • FY 2024–25 में 9.19 करोड़ ITR दाखिल
  • ₹12.31 लाख करोड़ से बढ़कर ₹27.02 लाख करोड़ डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन

यह आयकर दिवस 2025 पर सुधारों की सफलता को दर्शाता है।


बजट 2025–26 में राहत की सौगात

  • नई टैक्स व्यवस्था के अंतर्गत ₹12 लाख तक की आय पर शून्य कर
  • ₹75,000 मानक कटौती के साथ ₹12.75 लाख तक टैक्स फ्री
  • NSS अकाउंट से निकासी पर पूर्ण छूट (29 अगस्त 2024 के बाद)
  • दो स्व-स्वामित्व वाली संपत्तियों पर छूट
  • छोटे चैरिटेबल ट्रस्ट के पंजीकरण की समयसीमा बढ़ाई गई

निष्कर्ष – करदाताओं की भागीदारी, राष्ट्र निर्माण की कुंजी

आयकर दिवस 2025 एक ऐसा अवसर है जब हम न केवल भारत की कर प्रणाली की प्रगति को पहचानते हैं, बल्कि उन करोड़ों करदाताओं का भी आभार व्यक्त करते हैं जो राष्ट्र निर्माण में योगदान दे रहे हैं।

डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, नीति पारदर्शिता और नागरिक सहभागिता के कारण भारत की टैक्स प्रणाली विश्व स्तर पर नई मिसाल गढ़ रही है।