ETrendingIndia रायपुर / 1 मई अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ सरकार की श्रमिकों के हित में चल रही योजनाएं एक नई दिशा दे रही हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और श्रम मंत्री श्री लखनलाल देवांगन के नेतृत्व में “अब मजदूर का बच्चा मजदूर नहीं रहेगा” की सोच को धरातल पर उतारा जा रहा है।
श्रम विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं में मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना, औजार किट योजना, नोनी बाबू मेधावी योजना, मुफ्त गणवेश, खेल प्रोत्साहन और आवास सहायता जैसी योजनाएं शामिल हैं। ये योजनाएं न केवल श्रमिकों को आर्थिक संबल प्रदान कर रही हैं बल्कि उनके बच्चों को शिक्षा और बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर भी कर रही हैं।
बीते एक वर्ष में लगभग 500 करोड़ रुपये की राशि डीबीटी के माध्यम से श्रमिकों के खातों में अंतरित की गई है। अब मजदूर का बच्चा मजदूर नहीं रहेगा की सोच के साथ सरकार ने इस वर्ष के बजट में 255 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया है, जिससे श्रमिकों को और भी अधिक लाभ मिल सके।
साथ ही, “शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना” के तहत 13 जिलों में 31 भोजन केंद्र शुरू किए गए हैं, जिन्हें 2025-26 में सभी जिलों तक विस्तारित किया जाएगा। इन प्रयासों के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि हर हाथ को काम मिले और हर पेट को भोजन।