ETrendingIndia 25 मार्च 2025 को भारत के स्वास्थ्य नवाचार क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया, जब एम्स नई दिल्ली और सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (समीर) ने एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। यह एम्स समीर सहयोग 2025, जो एम्स के एनएमआर विभाग के 32वें स्थापना दिवस पर हुआ, चिकित्सा इलेक्ट्रॉनिक्स और स्वास्थ्य तकनीक में क्रांति लाने का लक्ष्य रखता है। उन्नत एमआरआई, एनएमआर, और आरएफ/माइक्रोवेव प्रणालियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, यह साझेदारी भारत को स्वदेशी चिकित्सा इमेजिंग में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बढ़ेगी।
यह एम्स समीर सहयोग 2025 पांच प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित है। सबसे पहले, इसमें चिकित्सा उपकरणों के विकास में संयुक्त अनुसंधान शामिल है, जिसमें समीर, मुंबई द्वारा विकसित स्वदेशी 1.5 टेस्ला एमआरआई का नैदानिक सत्यापन भी है। इसके अलावा, तेज और बेहतर इमेजिंग के लिए एआई और मशीन लर्निंग पर सहयोग होगा। साथ ही, उच्च और निम्न क्षेत्र एमआरआई स्कैनरों के उप-प्रणालियों और जीव एमआरआई के लिए आरएफ सिस्टम का विकास भी इस समझौते का हिस्सा है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के समर्थन से, यह परियोजना पहले ही जानवरों पर परीक्षण पूरा कर चुकी है, और अक्टूबर 2025 में एम्स में मानव परीक्षण शुरू होंगे।
यह साझेदारी भारत के लिए सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं का मार्ग प्रशस्त करेगी। एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने एम्स समीर सहयोग 2025 को देश की क्षमता का प्रदर्शन बताया और चिकित्सकों-वैज्ञानिकों के सहयोग पर जोर दिया। इसी तरह, MeitY की सुनीता वर्मा ने सह-निर्माण पर बल देते हुए कहा कि यह भारत को स्वदेशी स्वास्थ्य समाधानों में अग्रणी बनाएगा। विदेशी उपकरणों पर 80-85% निर्भरता को कम करते हुए, यह एम्स समीर सहयोग 2025 लागत प्रभावी एमआरआई तकनीक लाएगा, जो स्वास्थ्य सेवा को लाखों तक पहुंचाएगा।