रायपुर / ETrendingIndia / असम में अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई , असम कैबिनेट ने SOP को दी मंजूरी
असम सरकार ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फैसला लिया। कैबिनेट ने असम में अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई के लिए एक नया SOP मंजूर किया। इसके तहत 1950 के Immigrants (Expulsion from Assam) Act को लागू किया जाएगा। इस कानून का मकसद राज्य में अवैध प्रवासियों की पहचान और उन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया को तेज करना है।
जिला कलेक्टर को मिले विशेष अधिकार
नई SOP के अनुसार, जिला कलेक्टर को अवैध प्रवासी मानने पर निष्कासन आदेश जारी करने का अधिकार मिलेगा। संदेहास्पद व्यक्ति को 10 दिन का नोटिस दिया जाएगा। यदि वह इस अवधि में नागरिकता साबित नहीं कर पाता, तो जिला कलेक्टर उसे तुरंत राज्य छोड़ने का आदेश देगा।
प्रक्रिया और ट्रिब्यूनल की भूमिका
जिन्हें बाहर भेजा जाएगा, उन्हें पहले होल्डिंग सेंटर में रखा जाएगा और बाद में BSF उन्हें सीमा पार भेजेगी। यदि जिला कलेक्टर मामले का निपटारा नहीं कर पाता, तो इसे विदेशी ट्रिब्यूनल को सौंपा जाएगा। वहीं, जो प्रवासी राज्य में प्रवेश के 24 घंटे के भीतर पकड़े जाएंगे, उनके लिए कोई नोटिस आवश्यक नहीं होगा।
मुख्यमंत्री का बयान और लंबित मामले
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि असम सरकार 1950 के कानून का इस्तेमाल कर सकती है। उन्होंने कहा कि विदेशी ट्रिब्यूनल के माध्यम से निष्कासन की प्रक्रिया लंबी और जटिल है। वर्तमान में राज्य में लगभग 82,000 मामले विदेशी ट्रिब्यूनल में लंबित हैं।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, SOP की मंजूरी से असम में अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई और भी सख्त और तेज होगी। सरकार का मानना है कि इस कदम से राज्य में कानून व्यवस्था और नागरिकता से जुड़े मामलों पर स्पष्टता आएगी।