रायपुर / ETrendingIndia / इंडोनेशिया के बाली द्वीप में स्थित माउंट लेवोटोबी लाकी-लाकी ज्वालामुखी के विस्फोट के बाद बाली ज्वालामुखी विस्फोट उड़ानें रद्द कर दी गईं।
इस विस्फोट के चलते अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों पर व्यापक असर पड़ा है।
यह ज्वालामुखी मंगलवार को फटा, जिससे राख का गुबार 11 किलोमीटर ऊंचाई तक पहुंच गया।
इसके बाद बुधवार सुबह एक और विस्फोट हुआ, जिसमें एक किलोमीटर ऊंचा राख का बादल निकला।
इस कारण देश की ज्वालामुखी एजेंसी ने अलर्ट स्तर को सबसे ऊंचे स्तर पर बढ़ा दिया है।
बाली के डेनपसार अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की वेबसाइट के अनुसार, भारत, सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया से बाली आने वाली कई उड़ानें रद्द हुई हैं।
बाली ज्वालामुखी विस्फोट उड़ानें प्रभावित होने के कारण पर्यटकों को असुविधा का सामना करना पड़ा है।
सिंगापुर एयरलाइंस ने बाली और सिंगापुर के बीच चार उड़ानों को रद्द किया, जबकि उसकी बजट शाखा स्कूट ने बाली और पास के लोम्बोक द्वीप की उड़ानें स्थगित कीं।
जेटस्टार ने ऑस्ट्रेलिया से बाली के लिए सुबह की उड़ानें रद्द कीं और दोपहर की उड़ानों में देरी की संभावना जताई।
सरकारी एयर ट्रैफिक ऑपरेटर एयरनैव के अनुसार, पूर्वी नुसा तेंगारा प्रांत के माओमेरे स्थित फ्रांसिस्कस
जेवियर सेडा हवाई अड्डे को बुधवार से गुरुवार तक बंद कर दिया गया है।
यह कदम यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
स्थानीय प्रशासन ने ज्वालामुखी के पास दो गांवों से दर्जनों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
क्षेत्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के अनुसार, सड़कों पर मोटी राख, बजरी और रेत की परत जम गई है।
हालांकि, किसी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं मिली है।
यह ज्वालामुखी मई में भी फटा था।
बता दें कि इंडोनेशिया “पैसिफिक रिंग ऑफ फायर” पर स्थित है, जहां भूकंपीय और ज्वालामुखीय गतिविधियां सामान्य हैं।
ऐसे में बाली ज्वालामुखी विस्फोट उड़ानें रद्द होना पर्यावरणीय जोखिम को दर्शाता है।