ETrendingIndia बस्तर पंडुम 2025 में जनजातीय संस्कृति की अनुपम छटा पूरे आयोजन स्थल पर बिखर रही है। यह तीन दिवसीय भव्य उत्सव बस्तर की गौरवशाली परंपराओं को पुनर्जीवित कर देश-विदेश तक पहुँचाने का महत्वपूर्ण प्रयास है। उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा और वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने इस आयोजन का शुभारंभ किया।

कार्यक्रम में जनजातीय नृत्य, वेशभूषा, वाद्य यंत्रों और शिल्पकला का जीवंत प्रदर्शन किया जा रहा है। पारंपरिक रीति-रिवाज, खान-पान, और लोक नाट्य की विविध विधाएं जैसे भतरा नाट्य, गेड़ी नृत्य, गौर-माड़िया, लेजा गीत और अन्य प्रस्तुतियाँ दर्शकों को बस्तर की सांस्कृतिक गहराई से परिचित करा रही हैं। यह आयोजन न केवल मनोरंजन का माध्यम है, बल्कि एक सांस्कृतिक जागरूकता अभियान भी है।

इसके साथ ही, पारंपरिक वाद्य यंत्रों जैसे मांदर, ढोल, सारंगी, और मुंडाबाजा की धुनें, जनजातीय वेशभूषा और आभूषणों की विविधता, और लोक शिल्प जैसे ढोकरा, भित्तीचित्र, गोदना कला आदि भी आकर्षण का केंद्र हैं। व्यंजन क्षेत्र में सल्फी, ताड़ी, चापड़ा चटनी और मछरी झोर जैसी पारंपरिक चीजों का स्वाद भी लोगों को खास अनुभव दे रहा है।

इस प्रकार, बस्तर पंडुम 2025 में जनजातीय संस्कृति का यह आयोजन, बस्तर की विविधताओं को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करने की दिशा में एक सशक्त पहल बन चुका है।