रायपुर / ETrendingIndia / ग्रामीण भारत में कृषि क्रांति की दिशा में बड़ा कदम
भारत सरकार ने सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि अवसंरचना को मजबूत करना और प्राथमिक कृषि साख समितियों (PACS) को सशक्त बनाना है।
योजना की शुरुआत और उद्देश्य
31 मई 2023 को मंजूर हुई यह योजना वर्तमान में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कार्यान्वित की जा रही है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में लिखित उत्तर में इसकी जानकारी दी और बताया कि यह योजना सहकारिता को ग्रामीण विकास का स्तंभ बनाएगी।
PACS स्तर पर बुनियादी ढांचा
इस योजना में PACS स्तर पर निम्नलिखित बुनियादी ढांचे विकसित किए जा रहे हैं:
- गोदाम (Godowns)
- कस्टम हायरिंग सेंटर
- फूड प्रोसेसिंग यूनिट
- फेयर प्राइस शॉप्स
यह सब योजनाएं कृषि अवसंरचना निधि (AIF), एग्रीकल्चरल मार्केटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर योजना (AMI), कृषि यंत्रीकरण उप-मिशन (SMAM) और PMFME योजना के तहत समन्वयित रूप से लागू की जा रही हैं।
11 राज्यों में पायलट पूरा
पायलट प्रोजेक्ट के तहत 11 राज्यों में 11 PACS में गोदाम निर्माण पूरा हो गया है:
- महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु, राजस्थान, तेलंगाना, कर्नाटक, त्रिपुरा, असम, उत्तराखंड
अब तक 9,750 मीट्रिक टन भंडारण क्षमता तैयार की जा चुकी है, जिसमें बीज ग्रेडिंग इकाइयां, प्रोसेसिंग सेंटर और ग्रामीण हाट जैसी सहायक सुविधाएं भी शामिल हैं।
दिसंबर 2026 तक 500 से अधिक PACS में निर्माण का लक्ष्य
सरकार ने 500+ अतिरिक्त PACS को चिन्हित किया है, जहां दिसंबर 2026 तक गोदाम निर्माण पूरा करने का लक्ष्य है।
हर गांव और पंचायत में बहुउद्देशीय सहकारी समितियां
इसके अलावा, सरकार ने अगले 5 वर्षों में हर पंचायत और गांव तक नई बहुउद्देशीय PACS, डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों की स्थापना की योजना बनाई है।
नाबार्ड, NDDB, NFDB और राज्य सरकारों के सहयोग से:
- 22,933 नई सहकारी समितियों का पंजीकरण
- इनमें 5,937 बहुउद्देशीय PACS शामिल
डिजिटल रूप से सशक्त हो रहीं PACS
सरकार ने ₹2,925.39 करोड़ की लागत से ERP-आधारित कंप्यूटराइजेशन योजना को भी मंजूरी दी है। इससे सभी PACS को NABARD से जोड़कर एक सिंगल डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया जा रहा है:
- 31 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में 73,492 PACS को मंजूरी
- इनमें से 59,920 PACS ERP सिस्टम में शामिल
- 64,323 PACS को हार्डवेयर भी मिल चुका
पारदर्शिता, ऋण वितरण और संचालन में सुधार
यह योजना कृषि लॉजिस्टिक्स, पारदर्शिता, रिकॉर्ड-रखाव और ऋण प्रणाली को मजबूती दे रही है।
महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, तमिलनाडु इसमें सबसे आगे हैं।
निष्कर्ष:
भारत की यह सहकारी अनाज भंडारण योजना न सिर्फ कृषि क्षेत्र की मजबूती का प्रतीक है बल्कि यह रोजगार, ग्रामीण विकास और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है।