रायपुर / ETrendingIndia / India-China agree to open border trade through Shipki-La pass, Himachal Pradesh CM expresses happiness / हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने भारत और चीन तीन निर्दिष्ट व्यापारिक बिंदुओं- लिपुलेख, शिपकी-ला और नाथू-ला दरों से सीमा व्यापार फिर खोलने पर सहमत होने पर प्रसन्नता व्यक्त की है.
दोनों पक्ष 2026 से कैलाश पर्वत, गंग रेनपोछे और मानसरोवर झील की तीर्थयात्रा जारी रखने और इसके विस्तार पर भी सहमत हुए हैं।
हिमाचल सरकार शिपकी-ला (किन्नौर) के माध्यम से चीन के साथ व्यापार बहाल करने के लिए लगातार प्रयास कर रही थी।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी, जो हाल ही में भारत की यात्रा पर थे, ने विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा के लिए केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के साथ बैठक की।
दोनों मंत्रियों ने इस बैठक में भारत और चीन के बीच व्यापार फिर शुरू करने के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार से ऐतिहासिक भारत-तिब्बत व्यापार मार्ग बहाल करने का आग्रह किया था।
केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने राज्य सरकार को सूचित किया है कि भारत सरकार ने तीनों निर्दिष्ट बिंदुओं शिषता (हिमाचल), लिपुलेख (उत्तराखंड) और नाथू ला (सिक्किम) से सीमा व्यापार को फिर से शुरू करने के लिए चीन के साथ चर्चा शुरू कर दी है, जो कोविड-19 महामारी के कारण 2020 से बंद था।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि शिपकी-ला, जो कभी प्रसिद्ध सिल्क रूट का हिस्सा था और जिसे वर्ष 1994 के भारत-चीन द्विपक्षीय समझौते के तहत सीमा व्यापार बिन्दु के रूप में औपचारिक रूप दिया गया था, ने ट्रांस हिमालयी आर्थिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
व्यापार के अतिरिक्त, राज्य सरकार को शिपकी-ला के माध्यम से कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर शुरू करने के संबंध में भी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।
मुख्यमंत्री ने केंद्र को भेजे पत्र में इस बात पर प्रकाश डाला है कि गंगटोक होते हुए दार्चेन और मानसरोवर को जोड़ने वाला शिपकी-ला मार्ग तिब्बत की तरफ से तुलनात्मक रूप से छोटा है।
हिमाचल प्रदेश के रामपुर बुशहर और पूह होते हुए शिपकी-ला तक पहले से ही सड़क मार्ग मौजूद है, जिससे यात्रा के लिए आवश्यक आधार शिविर और सहायक बुनियादी ढांचा विकसित करना संभव हो गया है।
केंद्रीय विदेश मंत्री ने मुख्यमंत्री को लिखे एक पत्र में बताया है कि पांच साल के अंतराल के बाद लिपुलेख दर्रा (उत्तराखंड) और नाथू ला दर्रा (सिक्किम) से कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर शुरू हो गई है।
शिपकी-ला को एक अतिरिक्त मार्ग के रूप में जोड़ने की पहल भी कामयाब हुई है। राज्य सरकार को उम्मीद है कि पारंपरिक सीमा व्यापार पुनः स्थापित होने से हिमाचल प्रदेश में पर्यटन, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आर्थिक विकास के नए रास्ते भी खुलेंगे।
मुख्यमंत्री ने चीन के साथ द्विपक्षीय वार्ता में राज्य की इन प्रमुख समस्याओं को प्राथमिकता देने के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है।
