रायपुर / ETrendingIndia / भारत इलेक्ट्रिक कार बाजार , भारत के इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में संभावनाओं की नई रफ्तार
भारत में इलेक्ट्रिक कार बाजार आगामी वर्षों में तेजी से विस्तार की ओर बढ़ रहा है।
केयरएज एडवाइजरी की नई रिपोर्ट के अनुसार, यदि रेयर अर्थ एलिमेंट्स (REEs) से जुड़ी आपूर्ति बाधाएं समय रहते दूर हो जाएं, तो वित्तीय वर्ष FY28 तक इलेक्ट्रिक कारों की बाजार हिस्सेदारी 7% से अधिक हो सकती है।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री FY21 में 5,000 यूनिट्स से बढ़कर FY25 में 1.07 लाख यूनिट्स तक पहुंच गई है। यह 21 गुना वृद्धि को दर्शाता है।
सरकारी योजनाओं और नीतियों से मिलेगा विस्तार को बल
हालांकि भारत के कुल ईवी बाजार में अब भी दो और तीन पहिया वाहन प्रमुख हिस्सेदारी रखते हैं, लेकिन चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों का विस्तार जल्द ही गति पकड़ सकता है।
इसका कारण है:
- FAME III स्कीम
- PLI स्कीम (एडवांस केमिस्ट्री सेल बैटरी के लिए)
- बैटरी खनिजों पर सीमा शुल्क में छूट
इन पहलों से न केवल उत्पादन लागत घटेगी, बल्कि स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला भी मजबूत होगी।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में ऐतिहासिक बढ़ोतरी
चार्जिंग नेटवर्क को EV अपनाने में अब तक सबसे बड़ी बाधा माना जाता था। लेकिन रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में पब्लिक EV चार्जिंग स्टेशन (EVPCS) की संख्या 2022 में 5,151 से बढ़कर FY25 की शुरुआत तक 26,000 से अधिक हो गई है।
इसके अतिरिक्त:
- महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, गुजरात जैसे राज्यों ने विशेष प्रोत्साहन दिए हैं
- नई इमारतों में EV-रेडी पार्किंग अनिवार्य की जा रही है
- निजी कंपनियां नगर निकायों के साथ साझेदारी में चार्जिंग नेटवर्क स्थापित कर रही हैं
बैटरी उत्पादन और आयात निर्भरता में कमी के संकेत
FY22 में लिथियम आयन सेल के लिए भारत की पूरी तरह से आयात पर निर्भरता थी।
लेकिन FY27 तक यह घटकर 20% तक आ सकती है।
इसकी वजह:
- बैटरी निर्माण में निजी निवेश
- FY26 के बजट में 16 प्रमुख खनिजों पर कस्टम ड्यूटी हटाना
इससे घरेलू उत्पादन की लागत कम होगी और विदेशी आयात पर निर्भरता घटेगी।
टेस्ला की एंट्री से उद्योग में नई ऊर्जा
रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब दुनिया की अग्रणी EV कंपनी टेस्ला ने भारत में अपना संचालन शुरू किया है।
यह भारत के इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्षेत्र को और अधिक गति देने वाला संकेतक माना जा रहा है।
निष्कर्षतः
भारत इलेक्ट्रिक कार बाजार अगले तीन वर्षों में महत्वपूर्ण उछाल लेने के लिए तैयार है।
यदि नीतिगत समर्थन, चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर, और बैटरी उत्पादन के मोर्चे पर प्रगति जारी रही, तो FY28 तक 7% बाजार हिस्सेदारी पार करना एक वास्तविक लक्ष्य बन सकता है।