रायपुर / ETrendingIndia / भारत का निर्यात वृद्धि 2025 , अप्रैल-जून तिमाही में कुल निर्यात में उल्लेखनीय उछाल
भारत का कुल निर्यात अप्रैल-जून 2025 में 5.94% बढ़कर 210.31 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। यह पिछले वर्ष इसी अवधि के 198.52 बिलियन डॉलर से अधिक है।
इस वृद्धि में वस्तु और सेवा दोनों निर्यात शामिल हैं, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक सामान का प्रदर्शन सबसे प्रभावशाली रहा।
प्रमुख क्षेत्रों का प्रदर्शन
इलेक्ट्रॉनिक सामान का निर्यात जून 2025 में 46.93% की वृद्धि के साथ 4.15 बिलियन डॉलर हो गया, जो पिछले वर्ष जून में 2.82 बिलियन डॉलर था।
इसके अलावा, दवाइयों और फार्मास्युटिकल्स का निर्यात भी 5.95% की वृद्धि के साथ 2.62 बिलियन डॉलर पहुंच गया।
इसी तरह इंजीनियरिंग वस्तुओं, समुद्री उत्पादों, और मांस, डेयरी व पोल्ट्री उत्पादों में भी सकारात्मक वृद्धि दर्ज हुई है।
सेवाओं और व्यापार घाटे में बदलाव
सेवाओं का निर्यात अप्रैल-जून 2025 में 10.93% की वृद्धि के साथ 98.13 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है।
सेवा क्षेत्र में यह उछाल कुल व्यापार घाटे को कम करके 3.51 बिलियन डॉलर पर लाने में मददगार रहा है, जो पिछले वर्ष जून में 7.30 बिलियन डॉलर था।
हालांकि, वस्तु व्यापार घाटा बढ़कर 67.26 बिलियन डॉलर हो गया है, लेकिन सेवा व्यापार अधिशेष में वृद्धि से कुल असर संतुलित रहा।
गैर-पेट्रोलियम और रत्न-आभूषण व्यापार
गैर-पेट्रोलियम और गैर-रत्न-आभूषण निर्यात भी अप्रैल-जून में 82.16 बिलियन डॉलर से बढ़कर 88.10 बिलियन डॉलर हो गया।
जून महीने में इस श्रेणी का निर्यात 28.74 बिलियन डॉलर रहा जबकि आयात लगभग स्थिर रहा।
प्रमुख वस्तुएं और निर्यात गंतव्य
इलेक्ट्रॉनिक सामान के अलावा, चाय, जूट, अन्य अनाज, फल-सब्जियां, प्लास्टिक और रसायन जैसी वस्तुओं ने भी अच्छी वृद्धि दर्ज की।
मुख्य निर्यात गंतव्यों में संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, केन्या, फ्रांस और ब्राज़ील शामिल रहे, जबकि आयरलैंड, हांगकांग, सिंगापुर जैसे देश प्रमुख आयात स्रोत रहे।
निष्कर्षतः
भारत का निर्यात वृद्धि 2025 की यह रिपोर्ट बताती है कि विविध क्षेत्रों में निर्यात में मजबूती आ रही है।
विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक सामान और सेवाएं इस विकास के प्रमुख वाहक बने हैं।
यह रुझान भारत की वैश्विक व्यापार में हिस्सेदारी को और मजबूत करने का संकेत देता है।