रायपुर / ETrendingIndia / मेडटेक सेक्टर में जबरदस्त संभावनाएं
CII और BCG की रिपोर्ट के अनुसार भारत का मेडटेक सेक्टर आने वाले वर्षों में वैश्विक वृद्धि से तीन गुना तेज रफ्तार से बढ़ेगा। वर्तमान में इस उद्योग का मूल्य लगभग 16 अरब डॉलर है, जो वैश्विक 680 अरब डॉलर के बाजार का केवल 2% हिस्सा है।
सरकार की नीतियों से मिल रहा समर्थन
‘विकसित भारत 2047’ विज़न के तहत मेडटेक सेक्टर को मेक इन इंडिया का अहम स्तंभ बनाया गया है। सरकार का लक्ष्य आयात निर्भरता को 50% से नीचे लाना और वैश्विक हिस्सेदारी को 10-12% तक पहुंचाना है। उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना, टैक्स लाभ और 100% एफडीआई की अनुमति ने उद्योग को मजबूत आधार दिया है।
निवेश और कौशल विकास में तेजी
आंध्र प्रदेश मेडटेक ज़ोन (AMTZ) सहित चार मेडटेक पार्क इस प्रगति का नेतृत्व कर रहे हैं। साथ ही, एनआईपीईआर जैसी संस्थाओं के जरिए स्किल डेवलपमेंट और घरेलू व वैश्विक कंपनियों के निवेश ने आयात पर निर्भरता को FY2022 के 80% से घटाकर FY2024 में 60% तक कर दिया है।
चुनौतियां और रणनीतिक सुझाव
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि उच्च स्तरीय उपकरणों के लिए पारिस्थितिकी तंत्र की कमी, नियामक जटिलताएं और एमएसएमई की सीमित भागीदारी जैसी चुनौतियां बनी हुई हैं। इन्हें दूर करने के लिए नौ रणनीतिक कदम सुझाए गए हैं, जिनमें PLI योजना को MSME-अनुकूल बनाना, आयात शुल्क में राहत, को-इनोवेशन लैब्स और वैश्विक मानकों के अनुरूप नियम शामिल हैं।