ETrendingIndia भारत के आईटी क्षेत्र में MSMEs देश की सेवा निर्यात और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। नई दिल्ली में नासकॉम द्वारा आयोजित ग्लोबल कॉन्फ्लुएंस 2025 में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस क्षेत्र के महत्व को उजागर किया।

उन्होंने कहा कि भारत अगले वित्तीय वर्ष में $450 बिलियन सेवा निर्यात लक्ष्य प्राप्त करने की ओर अग्रसर है, जिसमें आईटी और आईटी-सक्षम सेवाएँ (ITES) महत्वपूर्ण योगदान देंगी। पिछले वर्ष सेवा क्षेत्र का निर्यात लगभग $340 बिलियन तक पहुँचा था, जिसमें से अकेले आईटी और आईटीईएस का योगदान लगभग $200 बिलियन था। इस वर्ष यह आंकड़ा $380 बिलियन से $385 बिलियन तक पहुंचने की संभावना है।

श्री गोयल ने नवाचार और तकनीकी अनुकूलन की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि भारत को प्रतिस्पर्धात्मक बनाए रखने के लिए नई तकनीकों जैसे क्वांटम कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग को अपनाना होगा। उन्होंने वैश्विक क्षमता केंद्रों (GCCs) को भारत में आकर्षित करने की जरूरत पर भी बल दिया, जिससे विदेशी मुद्रा आय में वृद्धि होगी और घरेलू आर्थिक विकास को गति मिलेगी।

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि आईटी-प्रेरित विकास से वाणिज्यिक अचल संपत्ति, आवास और बुनियादी ढांचे की मांग बढ़ेगी। सरकार मुक्त व्यापार समझौतों (FTAs) और द्विपक्षीय समझौतों के माध्यम से वैश्विक भागीदारी का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि भारत के आईटी क्षेत्र में MSMEs और कुशल कार्यबल देश के आर्थिक परिवर्तन और “विकसित भारत” के लक्ष्य को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।