भारत-यूके व्यापार समझौता
AYLESBURY, ENGLAND - JULY 24: Britain's Prime Minister Keir Starmer and Prime Minister Narendra Modi of India shake hands after signing a free trade agreement at Chequers on July 24, 2025 in Aylesbury, England. British Prime Minister Keir Starmer is hosting India's Prime Minister, Narendra Modi, as they formally sign a new free trade agreement, which has been in negotiation for three years. The deal - the most significant trade pact made by the UK since Brexit, and for India, the first it's signed outside Asia - will still need to be approved by the British parliament and India's federal cabinet, which is expected to take place within a year. (Photo by Kin Cheung - WPA Pool/Getty Images)

रायपुर / ETrendingIndia / भारत-यूके व्यापार समझौता , भारत-यूके FTA: ऐतिहासिक समझौता

भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच 24 जुलाई 2025 को एक ऐतिहासिक भारत-यूके व्यापार समझौता हुआ। इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के व्यापार को 2030 तक 120 अरब डॉलर तक पहुंचाना है। इसके साथ ही यह समझौता आर्थिक सहयोग और रणनीतिक साझेदारी को भी मजबूत करता है।

इस समझौते के अंतर्गत यूके ने भारतीय निर्यात पर लगने वाले 99% शुल्क समाप्त कर दिए हैं। वहीं भारत ने भी 90% ब्रिटिश उत्पादों पर शुल्क घटाने पर सहमति दी है।


भारतीय उद्योगों को मिलेगा सीधा लाभ

भारत-यूके व्यापार समझौता से भारत के कई प्रमुख क्षेत्रों को सीधा लाभ होगा। उदाहरण स्वरूप, वस्त्र, चमड़ा, जूते, रत्न और आभूषण जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों को अब यूके में शुल्क-मुक्त पहुंच मिलेगी।

इसके अलावा, टेक्सटाइल उद्योग को पहले 10–12% शुल्क देना पड़ता था, जो अब पूरी तरह समाप्त हो गया है। इससे न केवल निर्यात बढ़ेगा बल्कि रोजगार भी सृजित होगा।


कृषि और समुद्री उत्पादों को नई उड़ान

कृषि और प्रोसेस्ड फूड जैसे क्षेत्रों को भी बड़ी राहत मिली है। उदाहरण स्वरूप, आम पल्प, मसाले, चाय और दाल जैसे उत्पाद अब यूके में बिना शुल्क के निर्यात किए जा सकेंगे। इससे किसानों और छोटे उद्यमियों की आय में बढ़ोतरी होगी।

इसी तरह, समुद्री उत्पादों विशेषकर झींगे और प्रॉन जैसे उत्पादों को भी यूके में अब शून्य शुल्क पर निर्यात किया जा सकेगा। इससे तटीय राज्यों जैसे केरल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश को सीधा फायदा होगा।


सेवा क्षेत्र और पेशेवरों के लिए नई संभावनाएं

भारत-यूके व्यापार समझौता केवल माल पर ही नहीं, बल्कि सेवा क्षेत्र में भी क्रांतिकारी है। आईटी इंजीनियर, आर्किटेक्ट, नर्स, शेफ और योग प्रशिक्षकों को अब अस्थायी रूप से यूके में काम करने की अनुमति मिलेगी।

इसके अलावा, तीन साल तक भारतीय कर्मचारियों को यूके में सोशल सिक्योरिटी में योगदान नहीं देना पड़ेगा, जिससे उनकी बचत बढ़ेगी।


वैश्विक नेतृत्व की ओर भारत का कदम

अंत में, यह समझौता भारत को वैश्विक व्यापार में मजबूत स्थिति दिलाने की दिशा में बड़ा कदम है। इससे न केवल भारतीय उद्योगों को नई ऊर्जा मिलेगी, बल्कि भविष्य में अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ होने वाले समझौतों के लिए एक मजबूत आधार भी बनेगा।

भारत-यूके समझौता एक ऐसा मॉडल है, जो आने वाले वर्षों में भारत को व्यापारिक और कूटनीतिक रूप से और भी ताकतवर बनाएगा।