रायपुर 9 नवंबर 2025 / ETrendingIndia / The amazing story of Madhya Pradesh: Metro’s story – station built, road rubbed, then the “jugaad campaign” started / भोपाल मेट्रो जुगाड़ अभियान , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल इन दिनों फिर से देशभर की चर्चा में है — और वजह है इसकी अनोखी इंजीनियरिंग कला । 90 डिग्री वाले पुल के बाद अब मेट्रो स्टेशन ने भी अपनी “उंचाई” को लेकर शहरवासियों को हक्का-बक्का कर दिया है।
दरअसल, दो साल की मशक्कत, ट्रैफिक डायवर्जन और करोड़ों की लागत के बाद जब भोपाल का केंद्रीय विद्यालय मेट्रो स्टेशन आखिरकार बनकर तैयार हुआ, तो उद्घाटन से पहले ही उसने ‘सिर खपाने’ का काम शुरू कर दिया।
जैसे ही ट्रैफिक खुला, ऊंचे ट्रक मेट्रो स्टेशन के पिलर से “रगड़ खाते” निकलने लगे — आवाज ऐसी मानो लोहे से कोई बैंड बजा रहा हो !
इंजीनियरों ने माप-तौल की तो पता चला — अरे ! स्टेशन तो कम ऊंचा बन गया! अब क्या करें?
स्टेशन को तो ऊंचा किया नहीं जा सकता था, तो “जुगाड़” यूनिट सक्रिय हुई — और नीचे की सड़क को ही खोद डाला ! जी हां, वो सड़क जो अभी कुछ ही महीने पहले बनकर चमचमा रही थी, अब फिर से खुदाई की बलि चढ़ गई ।
नियम कहता है कि मेट्रो स्टेशन सड़क से कम से कम 5.5 मीटर ऊंचा होना चाहिए, लेकिन यहां तो फर्क इतना कम था कि ट्रक गुजरते हुए स्टेशन से “हैंडशेक” कर रहे थे। अब समाधान ये निकाला गया है कि सड़क को नीचे किया जाए, ताकि वाहन बिना मेट्रो को छुए निकल सकें।
लोगों का कहना है — “भोपाल अब स्मार्ट सिटी नहीं, जुगाड़ सिटी बन चुका है।” किसी ने व्यंग्य में लिखा — “जहां ऊंचाई कम पड़े, वहां खुदाई बढ़ाओ — यही है मेट्रो का नया फंडा !”
बहरहाल, सड़क फिर से टूट रही है, टाइलें उखाड़ दी गई हैं, और भोपाल की इंजीनियरिंग एक बार फिर “देश का मनोरंजन केंद्र” बन गई है।
