बिहार शहद उत्पादन 2025
बिहार शहद उत्पादन 2025

रायपुर 22 सितंबर 2025 / ETrendingIndia / Bihar becomes the fourth largest honey producer in the country: Demand has increased for its unique taste and quality / बिहार शहद उत्पादन 2025 , पिछले करीब 20 वर्षों में बिहार ने शहद के उत्पादन में काफी तेजी से प्रगति की है। 2005 से पूर्व जहां राज्य में काफी कम मात्रा में शहद का उत्पादन होता था वहीं अब यह बढ़ कर वर्ष 2023-24 में 18,030 मीट्रिक टन से अधिक हो गया है। बिहार देश में शहद का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य बन गया है।

राज्य में शहद का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। शहद उत्पादन में बढ़ोत्तरी होने के कारण हजारों लोगों को रोजगार मिला है और इनके जीवन में खुशहाली आई है।

राज्य में सरकारी योजनाओं से मिले प्रोत्साहन, वनस्पतियों की विविधता, अनुकूल जलवायु एवं प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों के कारण शहद का उत्पादन बढ़ा है।

प्राकृतिक संसाधनों के सही इस्तेमाल से भी इसके उत्पादन में बढ़ोत्तरी हुई है। खासकर सरसों, लीची, सहजन, जामुन आदि फसलों के खेतों में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा मिलने से इसके उत्पादन में वृद्धि हुई है।

मुजफ्फरपुर, वैशाली और समस्तीपुर लीची के बड़े-बड़े बागों के लिए जाने जाते हैं। लीची का शहद बिहार के सबसे लोकप्रिय शहद में से एक है और अपने अनोखे स्वाद के लिए इसकी बहुत मांग है।

सरसों का शहद व्यापक रूप से सरसों की खेती वाले क्षेत्रों जैसे नालंदा और पटना में उत्पादित किया जाता है .इसी तरह औरंगाबाद और रोहतास में तिल का शहद भी उत्पादित किया जाता है।

राज्य में मधुमक्खी पालन एवं मधु उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र प्रायोजित योजना- एकीकृत बागवानी विकास मिशन एवं राज्य योजना के तहत मधुमक्खी पालकों को मधुमक्खी बक्सा, मधुमक्खी के छत्ते एवं मधु निष्कासन यंत्र के क्रय पर सामान्य श्रेणी के कृषकों को 75 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कृषकों को 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है।

राज्य में परागण बढ़ावा कार्यक्रम के तहत 20 हजार से एक लाख मधुमक्खी बक्सों का वार्षिक वितरण किया जा रहा है।

सरकार की ओर से इसके किसानों को शहद उत्पादन और प्रबंधन का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। यही कारण है कि बिहार में न सिर्फ शहद का उत्पादन बढ़ा है बल्कि यहां का शहद अच्छी गुणवत्ता के कारण देश भर में पसंद किया जा रहा है।