रायपुर / EtrendingIndia /ब्रिक्स शिखर सम्मेलन , ब्राजील के रियो डी जनेरियो में जुलाई में ब्रिक्स (BRICS) शिखर सम्मेलन आयोजित होगा। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होने जा सकते हैं।
बैठक पर अमेरिका की डोनाल्ड ट्रंप सरकार की कड़ी नजर है, जो ब्रिक्स को विकसित देशों के G-7 समूह के मुकाबले एक शक्तिशाली मंच मानती है।
इस सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, और सऊदी अरब, यूएई, ईरान, मिस्र और इंडोनेशिया के नेता भी शामिल होने की संभावना है।
ब्रिक्स में राष्ट्रीय या वैकल्पिक मुद्राओं के उपयोग पर चर्चा भी होने वाली है, जो अमेरिका को चिंतित कर सकती है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पहले ही “डॉलरविहीन व्यापार” (de -dollarisation) की योजनाओं पर चेतावनी दे चुके हैं।
वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटनिक ने कहा कि भारत का रूस से हथियार खरीदना और ब्रिक्स में सक्रिय भागीदारी अमेरिका को पसंद नहीं आया।
ब्रिक्स-11 अब विश्व की आधी आबादी और 39% वैश्विक GDP का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि G-7 देशों की हिस्सेदारी लगभग 30% है।
ब्रिक्स एक अनौपचारिक अंतर-सरकारी समूह है, जिसमें मूल सदस्य ब्राज़ील, रूस, भारत और चीन हैं। दक्षिण अफ्रीका 2010 में शामिल हुआ था। 2024 में ईरान, यूएई, मिस्र और इथियोपिया भी सदस्य बने। सऊदी अरब ने अभी तक अपनी सदस्यता को औपचारिक रूप नहीं दिया है और अर्जेंटीना ने शामिल न होने का निर्णय लिया। पहला ब्रिक्स सम्मेलन वर्ष 2009 में रूस में हुआ था।