रायपुर / ETrendingIndia / क्रिटिकल मिनरल रीसाइक्लिंग स्कीम , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में 1,500 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी गई है। इस योजना का उद्देश्य ई-वेस्ट, लिथियम-आयन बैटरी स्क्रैप और अन्य अपशिष्ट सामग्रियों से क्रिटिकल मिनरल्स की रीसाइक्लिंग क्षमता विकसित करना है। क्रिटिकल मिनरल रीसाइक्लिंग स्कीम
🔹 योजना की मुख्य बातें
- अवधि : वर्ष 2025–26 से 2030–31 तक (6 वर्ष) लागू रहेगी।
- क्षेत्र : ई-वेस्ट, लिथियम-आयन बैटरी (LIB) स्क्रैप, कैटेलिटिक कन्वर्टर्स आदि।
- कुल क्षमता : 270 किलो टन वार्षिक रीसाइक्लिंग क्षमता।
- क्रिटिकल मिनरल उत्पादन : लगभग 40 किलो टन प्रति वर्ष।
- निवेश : 8,000 करोड़ रुपये का अनुमानित निवेश।
- रोजगार : करीब 70,000 प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष नौकरियां।
🔹 प्रोत्साहन और सब्सिडी
- प्लांट और मशीनरी पर 20% कैपिटल सब्सिडी।
- उत्पादन शुरू करने वाली इकाइयों को ऑपरेटिंग सब्सिडी –
- दूसरे वर्ष में 40%
- पाँचवे वर्ष में 60%
- सब्सिडी की अधिकतम सीमा :
- बड़ी इकाई – 50 करोड़ रुपये (ऑपरेटिंग सब्सिडी 10 करोड़ तक)
- छोटी इकाई – 25 करोड़ रुपये (ऑपरेटिंग सब्सिडी 5 करोड़ तक)
🔹 किसे मिलेगा फायदा?
यह स्कीम बड़े उद्योगपतियों, नई इकाइयों और स्टार्टअप्स सभी के लिए फायदेमंद होगी। खासतौर पर छोटे उद्यमियों के लिए बजट का एक-तिहाई हिस्सा सुरक्षित रखा गया है।
🌍 असर
यह योजना न केवल क्रिटिकल मिनरल मिशन (NCMM) को गति देगी, बल्कि देश में सप्लाई चेन को मजबूत बनाएगी, हरित निवेश आकर्षित करेगी और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को आगे बढ़ाएगी।